
गंगा तट पर हुआ गुरु पूजन, हवन व सामाजिक समरसता पर चर्चा
प्रयागराज। गंगा के पावन तट पर स्थित स्वामी योगानंद आश्रम में गुरुवार को गुरुपूर्णिमा महोत्सव श्रद्धा, भक्ति और सामाजिक समरसता के भाव के साथ मनाया गया। प्रातः काल वैदिक मंत्रोच्चार के बीच व्यास गद्दी पूजन, व्यास पूजन और गुरु पूजन के साथ कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत हुई।
गुरुपूर्णिमा के अवसर पर देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं एवं शिष्यों ने परंपरागत विधि से अपने गुरु का पूजन किया। कोलकाता, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, लखनऊ व कनाडा से आए शिष्यों ने माल्यार्पण, आरती कर गुरुचरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित की और आशीर्वाद प्राप्त किया।
गुरुपूर्णिमा के इस अवसर पर डा. नरेंद्र नाथ व्यास जी ने सभी शिष्यों को संबोधित करते हुए भारतीय संस्कृति में गुरु की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “गुरु ही वह शक्ति हैं जो अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर हमें ज्ञान, सदाचार और राष्ट्रसेवा के पथ पर आगे बढ़ाते हैं।”
कार्यक्रम में सामाजिक समरसता, राष्ट्रीय एकता, धर्म रक्षा और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर भी विस्तार से चर्चा हुई। इसी कड़ी में पर्यावरण शुद्धि हेतु वैदिक विधि से हवन यज्ञ का आयोजन किया गया।
हवन एवं परिचर्चा सत्र में डॉ. आदिनाथ ब्रजेश उपाध्याय, भाजपा काशी प्रांत नमामि गंगे विभाग के सह-संयोजक राजेश शर्मा, तीर्थपुरोहित रंजन शर्मा, पंकज सिंह, गोपाल मिश्रा, अरुण पांडे सहित अनेक श्रद्धालु शामिल हुए।
आश्रम में विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम के अंत में नमामि गंगे अभियान की ओर से सभी को गुरुपूर्णिमा की शुभकामनाएं दी गईं।