
बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश प्रतिबंधित, अधिकारियों ने संभाली कमान
रिपोर्ट विरेंद्र प्रताप उपाध्याय
चौबेपुर (वाराणसी)। छितौना गांव प्रकरण को लेकर राजपूत महासभा द्वारा दी गई चेतावनी के बाद सोमवार को प्रशासन ने पूरी तरह सख्त रुख अपनाते हुए गांव को चारों ओर से सील कर दिया। हालात को नियंत्रण में रखने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने खुद मौके पर पहुंचकर कमान संभाली।
गांव की सीमा से लेकर संदहा चौराहे तक भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। जिलाधिकारी, एडीसीपी, एडिशनल पुलिस कमिश्नर समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी सुबह से ही मौके पर मौजूद रहे और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करते रहे। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पैरामिलिट्री फोर्स को भी अलर्ट मोड में रखा गया है।
प्रशासन ने साफ कर दिया है कि गांव में किसी भी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों के मद्देनजर पुलिस की साइबर सेल को भी सतर्क किया गया है।
उधर, राजपूत महासभा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र प्रताप सिंह, संरक्षक मुन्ना सिंह समेत कई पदाधिकारियों को पुलिस ने नजरबंद कर दिया है। वहीं, संभावित धरने को देखते हुए कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर और सुभासपा महासचिव अरविंद राजभर के आवासों पर भी अतिरिक्त फोर्स तैनात की गई है।
धरने के दौरान दशाश्वमेध के एसीपी अतुल अंजन त्रिपाठी की वर्दी का बैज टूटने की घटना के बाद पुलिस ने सड़क पर बैठे प्रदर्शनकारियों को हटाकर एनएच-29 को खाली कराया। पुलिस कमिश्नर (कानून-व्यवस्था) शिवहरि मीणा ने बताया कि घटनाक्रम की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है, जिसमें वे स्वयं और चार अन्य आईपीएस अधिकारी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से कुछ लोग गांव की ओर कूच कर रहे थे, जिन्हें समझाकर वापस भेजा गया। फिलहाल गांव सहित आसपास के क्षेत्र में स्थिति शांतिपूर्ण है और प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है।