
चौबेपुर की सड़क बनी ‘तालाब रोड’, मोबाइल खोजते युवकों को देख राहगीरों को हुआ मछली पकड़ने का भ्रम
✍️ रिपोर्ट विरेंद्र प्रताप उपाध्याय,
चौबेपुर (वाराणसी)। स्थानीय बाजार चौबेपुर से बाबतपुर एयरपोर्ट को जोड़ने वाली मुख्य सड़क बीते नौ वर्षों से बदहाल स्थिति में है। शासन-प्रशासन के “गड्ढा मुक्त सड़क” के तमाम दावों के बावजूद यह महज एक वादे तक सीमित रह गया है। एक ओर यह सड़क प्रदेश के कैबिनेट मंत्री के क्षेत्र से सटी है, तो दूसरी ओर सत्ताधारी दल के विधायक का क्षेत्र शुरू होता है। बावजूद इसके यह रास्ता विभागीय टकराव और मुकदमों में उलझा हुआ है, जिससे समाधान अब तक नहीं निकल सका।
स्थानीय लोगों के अनुसार, अधूरी पड़ी इस सड़क पर अब तक दर्जनों लोग गिरकर घायल हो चुके हैं, लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने अब तक सुध नहीं ली है।
वहीं बुधवार को चौबेपुर स्टेशन रोड पर एक हास्यास्पद लेकिन गंभीर घटना सामने आई, जब कुछ युवक गड्ढे में गिरे अपने मोबाइल को खोजते दिखे। बारिश के पानी से लबालब भरे सड़क के गड्ढे में जब युवक झुक-झुक कर कुछ तलाशते दिखे, तो राहगीरों को लगा मानो मछली पकड़ने का आयोजन चल रहा हो। देखते ही देखते लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी और सड़क पर जाम की स्थिति बन गई।
स्थानीय दुकानदार और व्यापार मंडल के जिला महामंत्री सोनू सेठ ने तंज कसते हुए कहा,
स्थानीय नागरिक अब इस सड़क को ‘तालाब रोड’ या ‘वॉटर पार्क रोड’ कहने लगे हैं। लोगों का कहना है कि यहां से गुजरने वाले वाहन, मोबाइल, स्कूटी और कभी-कभी तो उम्मीदें तक इस जलकुंड में समा जाती हैं।
स्थानीय लोगों की मांग है कि पीडब्ल्यूडी और संबंधित पक्षों को आपसी विवाद सुलझाकर तत्काल इस सड़क का मरम्मत कार्य शुरू करना चाहिए। साथ ही, जब तक मुकदमे का समाधान नहीं होता, तब तक कम से कम अस्थायी रूप से गड्ढों को भरा जाए, ताकि लोगों की जान से खिलवाड़ न हो।
इस जल-सड़क की स्थिति ने न केवल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दर्शाया है कि विकास के दावों के बीच ज़मीनी हकीकत कितनी भयावह हो सकती है।