
धरोहर संरक्षण सेवा संगठन की चेतावनी के बाद प्रशासन की त्वरित कार्रवाई, सड़क हुई अतिक्रमण मुक्त
वाराणसी: थाना क्षेत्र अंतर्गत एक सड़क के बीचों-बीच बनी अवैध मजार को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद पर मंगलवार को विराम लग गया। प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए जेसीबी से मजार को ध्वस्त कर दिया। यह कदम धरोहर संरक्षण सेवा संगठन के संयोजक कृष्णा नन्द पाण्डेय द्वारा दिए गए 10 दिन के अल्टीमेटम के बाद उठाया गया।
बताया गया कि संगठन ने राजस्व एवं पीडब्ल्यूडी विभाग से सूचना का अधिकार (RTI) के तहत मजार की वैधता की जानकारी मांगी थी। जांच में यह मजार सरकारी भूमि पर अवैध रूप से निर्मित पाई गई थी, जो सड़क पर आवागमन में बाधा उत्पन्न कर रही थी।
प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा की गई जांच रिपोर्ट में भी पुष्टि हुई कि मजार यातायात और जनसुरक्षा के लिए खतरा बनी हुई थी। विशेष रूप से शाम और कार्यालय समय में इस मार्ग पर लगातार जाम व दुर्घटनाओं की स्थिति बनी रहती थी।
संगठन के संयोजक कृष्णा नन्द पाण्डेय ने इस कार्रवाई का स्वागत करते हुए इसे “सकारात्मक शुरुआत” करार दिया। उन्होंने प्रशासन से शहरभर की सरकारी जमीनों पर बने सभी अवैध धार्मिक निर्माणों की जांच कर कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की।
स्थानीय लोगों ने भी इस कदम की सराहना की और कहा कि अब रास्ता साफ होने से ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी और सड़क पर चलना सुरक्षित होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि वाराणसी जैसे संवेदनशील धार्मिक शहर में इस प्रकार की कार्रवाई दुर्लभ है, लेकिन कानूनी पहल और जनदबाव के चलते यह संभव हो सका। अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या यह कार्रवाई एक उदाहरण बनेगी या केवल एक बार की कार्यवाही बनकर रह जाएगी।