
वाटर वूमेन शिप्रा पाठक ने किया वृक्षारोपण
चौबेपुर (वाराणसी) थाना क्षेत्र के नरायनपुर स्थित शिव मंदिर के पोखरे के किनारे वृक्षारोपण का कार्यक्रम रखा गया था जिसमें मुख्य अतिथि वाटर वूमेन के नाम से मशहूर प्रदेश की बेटी शिप्रा पाठक ने तालाब के किनारे पूजा कर पीपल के पेड़ का वृक्षारोपण कर शुरुआत की।
इसके बाद लोगो को सम्बोधित करते हुए वाटर वूमेन शिप्रा पाठक ने बताया की कभी तालाब ग्रामीण जन जीवन का एक जरूरी हिस्सा करते थे। पीने के पानी की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ, वे उनके सामाजिक ताने-बाने से भी जुड़े थे।
धार्मिक और पेयजल दोनों उद्देश्यों के लिए उनका सम्मान किया जाता था और उन्हें बनाए रखने की हरसंभव कोशिश भी। लेकिन जैसे-जैसे गांवों में हैंडपंप और अब पाइप से पानी आने लगा, ये स्थानीय जल निकाय धीरे-धीरे गायब होने लगे।
असंख्य तालाबों पर अतिक्रमण कर लिया गया। जहां पहले तालाब थे, वहां अब इमारत. घर, खेल के मैदान या कूड़े के ढेर हैं। पहले मनुष्य के लिए तालाब ही पानी के सबसे प्रमुख स्त्रोत थे। गांव में कई तालाब होते थे। एक तालाब में बरसात का पानी पीने के लिए होता था, दूसरे में नहाने और कपड़े धोने के लिए होता था।पशु भी तालाब में पानी पीते थे। तालाबों के बाद में कुएं की खोदाई की गई। फिर लोग कुएं से पानी खींच कर पीने लगे। जब तालाबों में पानी होता था तो भूजल स्तर काफी ऊपर होता था।
जब से शहरीकरण बढ़ा है, तब से तालाब खत्म होते जा रहे हैं। इसलिए लोगों को जरूरी है कि अधिक से अधिक पोखरे तालाब सरोवर के किनारे वृक्षारोपण कर गिरते भू गर्भ जल संकट से बचा जाय। इस दौरान अवनीश पाठक निशु चुन्नू चौहान दिलिप चौबे राजेंद्र चौहान शिव मूरत पाठक, आशीश पाठक के साथ मातृ शक्ति राधिका पाठक ज्योति पाठक नगीना देवी मंजू मौर्या, आरती, पूनम पाठक की मौजूदगी रही