
चोलापुर– वाराणसी में अपने सुहाग की हिफाजत के लिए करवा चौथ का व्रत रखने वाली सुहागिनों के मन में एक अजीब सी उमंग और तरंग हिलोर मार रही थी।चाची, भाभी और नई नवेली दुल्हन सब सोलह श्रृंगार जुटाने और पूजा की थाली सजाने में जुट गई थी।
इनमें किसी के पती विदेश में हैं, किन्ही के सरहद पर, किन्ही के शहर से दूर टूर पर तो किन्ही के दफ्तर के काम से बाहर चले जाना और उनके अबतक नहीं लौटने का कसक। फिर भी मन की मंदिर से झांक रही है अपने पिया को। करवा चौथ के दिन चांद के इंतजार और फिर उसके दीदार का भी अलग ही मजा है।
भदवां गांव कि सुन्दरी चौबे और रोली चौबे ने बताया कि अखंड सौभाग्य की कामना से किये गये इस पर्व में न भूख, न प्यास का एहसास होता है। विश्वास और प्यार की डोर को मजबूत करने वाला यह पर्व ही ऐसा है।
करवा चौथ पर महिलाओं ने पति के साथ जन्म-जन्मांतर तक अटूट प्रेम बंधन बने रहने की कामना करती है। भगवान से यही मांगा कि दांपत्य की यह डोर विश्वास, आपसी प्रेम और विश्वास अटूट रहे।