
महापौर अशोक तिवारी राजनयविशारद तथा कुलपति प्रो.बिहारी लाल शर्मा को ज्योतिषमार्तण्ड सम्मान से किया गया सम्मानित।
सन् 2024 में देश की दो विभूतियाँ प्रो.विजय पण्ड्या (गुजरात) तथा प्रो.उमाशंकर शुक्ल (वाराणसी) को महामहोपाध्याय की प्रदान की गयी उपाधि।
(रिपोर्ट संतोष कुमार सिंह)
वाराणसी:- सुंदरपुर स्थित एक लॉन मे 22 दिसम्बर रविवार को अखिल भारतीय विद्वत् परिषद् के विद्वद् अलंकरण समारोह का शुभारम्भ वैदिक मंगलाचरण से हुआ,मंचस्थ अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन किया गया | विद्वद् अलंकरण समारोह में स्वागत भाषण प्रो. रामपूजन पाण्डेय ने किया,मंचस्थ सम्मानितजनों का पुष्पमाला से सम्मान संस्था के उपाध्यक्ष प्रो.टी.पी. चतुर्वेदी के द्वारा किया गया | सभा का संचालन अपराजिता सिंह ने किया तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो.जयशंकर लाल त्रिपाठी (अध्यक्ष,अखिल भारतीय विद्वत् परिषद्) ने की | सम्मान समारोह के आरम्भ में महामण्डलेश्वर स्वामी श्रीपद्मनाभशरण देवाचार्य जी महाराज,जयपुर का अग्रपूजन आचार्य कामेश्वर उपाध्याय (महासचिव,अखिल भारतीय विद्वत् परिषद्) द्वारा किया गया तथा संतशिरोमणि उपाधि से विभूषित किया गया |
मंचस्थ विभूतियों का सम्मान अध्यक्ष एवं महासचिव के द्वारा किया गया | मुख्य अतिथि डॉ.दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ आयुष मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को राजशास्त्र विशारद उपाधि से विभूषित किया गया | विशिष्ट अतिथिद्वय अशोक तिवारी महापौर वाराणसी को राजनयविशारद तथा प्रो.बिहारी लाल शर्मा कुलपति सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी को ज्योतिषमार्तण्ड सम्मान से सम्मानित किया गया | सभी लोगों को शॉल,स्फटिक एवं रूद्राक्ष की माला तथा रजत पदक से सम्मानित किया गया | सन् 2024 में देश की दो विभूतियाँ प्रो.विजय पण्ड्या (गुजरात) तथा प्रो. उमाशंकर शुक्ल (वाराणसी) को महामहोपाध्याय की उपाधि प्रदान की गयी |
देश की छः विभूतियों को अतिविशिष्ट सम्मान से सम्मानित किया गया इनका नाम तथा सम्मान निम्नवत् है –
प्रो.मोहन लाल शर्मा (जयपुर,राजस्थान) को शास्त्रशिरोमणि,प्रो.डॉ.रूपाली खन्ना (लखनऊ) को धन्वन्तरि,प्रो.कुसुम लता मलिक (दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली) को साहित्यसरस्वती,आचार्य भालचन्द्र बादल (वाराणसी) को वेदमूर्ति,आचार्य रामचन्द्र श्रीकृष्णदेव (वाराणसी) को वेदमूर्ति तथा प्रो.वन्दना त्रिपाठी (उज्जैन, मध्यप्रदेश) को पण्डिता |
देश के चौदह विद्वानों को अतिविशिष्ट विद्वद्भूषण सम्मान से सम्मानित किया गया –
श्री ज्योतिपद देव चौधुरी (गोवाहाटी,असम),डॉ.बिपिन बिहारी शतपथी (कटक,ओड़िसा),डॉ.सन्त कुमार चौधरी (दिल्ली),आचार्य चित्तनारायण पाठक (वाराणसी), प्रो. सत्यनारायण सिंह राठौड(रायबरेली),डॉ.एच.लैशेम शर्मा (त्रिपुरा),प्रो.नीलेश कुमार (आई.एम.एस.वाराणसी), प्रो.डॉ.अमित सिंह (चन्दौली),प्रो.डॉ.अनिल कुमार पासवान (आई.एम.एस.वाराणसी),प्रो.संजीव कुमार सिंह (मीरजापुर),डॉ.सन्तोष कुमार मौर्य (वाराणसी), डॉ. शिवशक्ति प्रसाद द्विवेदी (वाराणसी),डॉ.नमिता मित्तल (जयपुर,राजस्थान),डॉ.अनीता शुक्ला (वाराणसी) |
राजेन्द्र गोयनका (वाराणसी) को सम्पूर्ण समाधान ग्रन्थ पर कौटिल्य पुरस्कार,प्रो.शीतला प्रसाद पाण्डेय (वाराणसी) को स्कान्द आगम-तन्त्र ग्रन्थ पर माहेश्वर पुरस्कार,दीपक कुमार मिश्र (बलिया) को भवानीशतकम् ग्रन्थ पर महाशक्ति पुरस्कार,डॉ.अवन्तिका सिंह (दिल्ली) को रामनगर की रामलीला और उसका नाट्यालेख ग्रन्थ पर आनन्दवर्धन पुरस्कार तथा डॉ.उपेन्द्र विनायक सहस्रबुद्धे (वाराणसी) को अयोध्या और बाईस ग्रन्थ पर वाल्मीकि पुरस्कार दिया गया | सभी लोगों को शॉल, स्फटिक,रूद्राक्ष एवं मोती की माला,पञ्चसहस्र मुद्रा तथा रजत पदक से सम्मानित किया गया |
इसी क्रम में डॉ.धवल उपाध्याय द्वारा सम्पादित सामनस्यसूक्तम्,आरती संग्रह,विष्णुसहस्रनाम तथा सुन्दरकाण्ड एवं आचार्य कामेश्वर उपाध्याय द्वारा सम्पादित गजेन्द्रमोक्ष,जीवत् श्राद्ध पद्धति,नवार्ण मन्त्रसाधना और महाविद्या श्रीबगलामुखीतन्त्रम् पुस्तकों का विमोचन मंचस्थ अतिथियों द्वारा किया गया |
मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथि के उद्बोधन एवं अध्यक्षीय भाषण के पश्चात् कार्यक्रम का समापन किया गया | प्रो.टी.पी.चतुर्वेदी ने कार्यक्रम में आये हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया ||