
श्रद्धा-भक्ति से सराबोर हुआ चौबेपुर, श्रीमद्भागवत कथा का भव्य समापन
(रिपोर्ट विरेंद्र प्रताप उपाध्याय)
चौबेपुर (वाराणसी)। चौबेपुर कस्बे में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का समापन शनिवार को भक्ति और श्रद्धा की भाव-गंगा में डूबे माहौल के साथ सम्पन्न हुआ। यज्ञशाला में अग्नि के समक्ष दी गई आहूतियों ने जहां सुख-शांति की कामना को स्वर दिया, वहीं मंत्रोच्चार और धूप-दीप की सुगंध से संपूर्ण वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा।
समापन के पावन अवसर पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें क्षेत्र के आसपास के गांवों से आए हज़ारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर प्रभु कृपा का अनुभव किया।
रात्रिकालीन भजन संध्या में जब “श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम” और “गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो” जैसे भजन गूंजे, तो पांडाल भक्ति-रस में सराबोर हो उठा। श्रद्धालु झूमते-गाते नजर आए। दीप प्रज्वलन कर श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था को ज्योति स्वरूप प्रकट किया।
कथा का संचालन सृजन चतुर्वेदी ‘शिवम’ ने अपने भावपूर्ण अंदाज़ में किया, जिससे कथा की गरिमा और भी निखरकर सामने आई। अंतिम दिवस की वाणी में भक्ति, मोक्ष और ईश्वर-संबंध के गूढ़ रहस्यों का वर्णन हुआ, जिसने श्रोताओं को भीतर तक स्पर्श किया।
समापन समारोह में चंद्रशेखर तिवारी ‘मून बाबू’, त्रिज्या तिवारी, अरुण तिवारी, भव्य तिवारी, रवि तिवारी, धर्मेंद्र तिवारी, अपूर्व कुमार तिवारी, अमरिश तिवारी (रिंकू), विनोद चौबे, राजेश तिवारी सहित कई स्थानीय जनप्रतिनिधियों और श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने आयोजन को भव्यता प्रदान की।
आयोजक चंद्रशेखर तिवारी ‘मून बाबू’ ने समस्त श्रद्धालुओं, श्रोताओं एवं अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि ईश्वर के साक्षात अनुभव का माध्यम रहा। यह कथा क्षेत्र में भक्ति, सौहार्द और शांति का संदेश बनकर आई है।”