
सनातन का अर्थ प्रकृति सत्य है सत्य रहेगी उसमें परिवर्तन किसी के बस में नहीं है,भारत विश्व गुरु था है और रहेगा – डा. आनन्द प्रकाश श्रीवास्तव ||
(रिपोर्ट संतोष कुमार सिंह)
वाराणसी :- सिगरा स्थित एक कान्वेंट स्कूल के एक सामाजिक कार्यक्रम में भारतीय प्रतिमा विज्ञान पुस्तक का विमोचन डॉ ओमप्रकाश श्रीवास्तव,डॉक्टर अजय कुमार श्रीवास्तव,डॉक्टर अजीत प्रकाश श्रीवास्तव, डॉक्टर कुमुद रंजन द्वारा विमोचन किया गया | यह पुस्तक स्नातक, स्नाकोत्तर एवं परास्नाकोत्तर स्तर पर कला इतिहास,प्राचीन इतिहास,ललित कला एवं संग्रहालय विज्ञान के लिए उपयोगी है पुस्तक के लेखक काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के गोल्ड मेडलिस्ट रहे | डा. आनन्द प्रकाश श्रीवास्तव ने इस पुस्तक में उल्लेखित सनातन पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि सनातन का अर्थ प्रकृति सत्य है सत्य रहेगी सत्य थी उसमें परिवर्तन किसी के बस में नहीं है काल माया के अधीन यह संसार है भारत विश्व गुरु था है और रहेगा |
भारतीय धार्मिक परम्परा की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि उसकी सुविकसित एवं सर्वव्यापी प्रतिमा सम्पदा रही है प्रतिमा किसी समाज विशेष के विचारों का प्रतीक भी है यदि प्रतिमा किसी समाज विशेष तथा काल विशेष के विचारों,आदर्शों तथा मूल्यों का अभिव्यक्ति कार्य है तो प्रतिमाओं का अध्ययन किसी स्थल विशेष के दृष्टिकोण से भी किसी स्थल विशेष के दृष्टिकोण से भी किया जा सकता है जिससे उस क्षेत्र की क्षेत्रीय विशेषताओं का भी अध्ययन किया जा सकता है पुस्तक में चित्र भी लगे है |
प्रमुख भारतीय धर्मों (ब्राह्राण बौद्ध-जैन) में ब्राह्वाण धर्म के विष्णु के अवतारों में भागवत पुराणः एवं सात्वत संहिता के आधार पर 22 एवं 39 अवतारों की सूची में सर्वधर्म समभाव का प्रतीक बुद्ध एवं ऋषभनाथ भी है | इस पुस्तक में ब्राह्राण बौद्ध एवं जैन प्रतिमाओं का प्रतिमा वैज्ञानिक अध्ययन हुआ है जिसने लोक परम्परा के यक्ष नाग का विवरण है |
कार्यक्रम में शशिकांत श्रीवास्तव,डा. कामिनी श्रीवास्तव,माधुरी श्रीवास्तव, मनोज श्रीवास्तव,रोशन श्रीवास्तव,दीपेन्द्र कुमार श्रीवास्तव,शिव कुमार सिन्हा,दुर्गा देवी,नीरु श्रीवास्तव,अगम स्वरुप श्रीवास्तव,अरविंद श्रीवास्तव,ज्योति, राजेश श्रीवास्तव,सन्तोष श्रीवास्तव,अजय श्रीवास्तव,शिव कुमार सिन्हा,सत्य प्रकाश श्रीवास्तव,बृजेश कुमार श्रीवास्तव, गुलाब श्रीवास्तव आदि शिक्षाविद् उपस्थित रहे |