
ऑल इंडिया बार काउंसिल में उठी बगावत की आवाज़, सीनियर एडवोकेट श्रीनाथ त्रिपाठी की सदस्यता रद्द करने पर अधिवक्ताओं का फूटा गुस्सा
वाराणसी। ऑल इंडिया बार काउंसिल के सह अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी की सदस्यता रद्द किए जाने के खिलाफ सोमवार को शहर के सैकड़ों अधिवक्ता एकजुट हुए। अधिवक्ताओं ने इस निर्णय को मनमाना और लोकतंत्र विरोधी करार देते हुए बार काउंसिल के अध्यक्ष मनन मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाए।
एक संयुक्त बैठक में अधिवक्ता अनूप कुमार सिंह ने कहा, “सदस्यता रद्द करने का निर्णय पढ़ने के बाद यह स्पष्ट हो जाता है कि अध्यक्ष मनन मिश्रा सरकार की कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं। त्रिपाठी जी पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अधिवक्ताओं की हड़ताल और सरकार विरोधी सवालों का समर्थन किया, जो पूरी तरह से लोकतांत्रिक अधिकार के दायरे में आता है।”
अन्य वक्ताओं ने भी कहा कि यह कार्रवाई अधिवक्ताओं की आवाज़ को दबाने की कोशिश है। बैठक में चेतावनी दी गई कि यदि श्रीनाथ त्रिपाठी की सदस्यता जल्द बहाल नहीं की गई, तो युवा अधिवक्ता आंदोलन का बिगुल फूंकेंगे। इस आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी ऑल इंडिया बार काउंसिल के अध्यक्ष की होगी।
बैठक में अनूप कुमार सिंह, धीरेंद्र प्रताप सिंह, राकेश सिंह, राकेश तिवारी, प्रतिष राय, मनिंद्र नाथ तिवारी, संदीप मिश्रा, संजीव चौबे और आदित्य वर्मा समेत सैकड़ों अधिवक्ता मौजूद रहे।