
श्रीकुल पीठ ने पूर्णाहुति साथ सप्त दिवसीय महायज्ञ का किया सफल आयोजन
(रिपोर्ट विवेक राय)
वाराणसी। द्वारकाधीश की धरती गुजरात पर बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी की सुप्रसिद्ध सांस्कृतिक,सामाजिक एवं धार्मिक संगठन ब्रह्मराष्ट्र एकम् विश्वमहासंघ व उसके गुजरात इकाई द्वारा विश्व कल्याण एवं आम जनमानस के हित में सात दिवसीय त्रिपुरसुंदरी मां के विराट महायज्ञ का आयोजन सफलता के साथ पूर्ण किया।
यह यज्ञ अहमदाबाद के वस्त्राल में ब्रह्मराष्ट्र एकम् के संस्थापक अध्यक्ष व श्रीकुल पीठ के पीठाधीश्वर श्रीश्री 1008 डॉ.सचिंद्रनाथ महाराज द्वारा आचार्य पीठाधीश्वर श्री दिवाकर गुरु जी के आचार्यत्व में काशी से पधारे विद्वान ब्राह्मणों के मार्गदर्शन में सम्पन्न किया गया।
सप्त दिवसीय महायज्ञ का शुभारंभ दिनांक 27 अप्रैल से 108 कलश यात्रा के साथ हुआ जिसमें कि भारतवर्ष के सुख,शांति व प्रगति के उद्देश्य से काशी से आए काशीवासी एवं अहमदाबाद गुजरात से श्रद्धालुजन सहभागी बन पुण्य के साक्षी बने।
तत्पश्चात 28 अप्रैल से काशी के विद्वानों द्वारा गुजरातवासी व भारतवासियों के हितार्थ एवं भारतवर्ष की उन्नति के संकल्प के साथ संकल्पवान यजमानों के माध्यम से यज्ञाहूति हवनकुंड में दी गई जिसके साथ संध्याकाल में काशी से गंगा आरती अर्चक द्वारा मां की महाआरती की गई एवं काशी के सुप्रसिद्ध भजन गायक पुनीत जेटली पागल बाबा ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों से श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।
श्रीकुल पीठाधीश्वर द्वारा बताया कि यज्ञ भगवान से उत्पन्न हुई सकारात्मक ऊर्जा से मां त्रिपुरसुंदरी सभी का कल्याण करेंगी। श्रीश्री दिवाकर गुरुजी ने महाविद्या कथा के साथ सभी सनातनियों को सनातोदय के क्रम में धर्म की रक्षा हेंतु संकल्प दिलाया।
ब्रह्मराष्ट्र एकम् गुजरात व कार्यक्रम के व्यवस्थापक कांतिभाई पटेल ने अहमदाबाद में इस पुण्यरूपी यज्ञ का आयोजन करने के लिए हृदय से आभार प्रकट किया एवं देश व समाज के उत्थान के लिए सदा तत्पर गुजरातवासियो से आह्वान किया कि इस यज्ञ से प्राप्त ऊर्जा को जनमानस के कल्याण में उपयोग किया जाए।
उपरोक्त कार्यक्रम में काशी से प्रिया मिश्र,कुशाग्र मिश्रा,भृगु , काशी मंदिर उपमहंत कल्लू महाराज, प्रयागराज से देवेंद्र नारायण मिश्रा,अनुपम मिश्र,राजीव शुक्ला आदि ने यज्ञ में आहुति प्रदान कर मां का आशीर्वाद लिया।
महायज्ञ में विशेष रूप से प्रकाश मिश्र,संतोष कश्यप,अभिषेक पांडे,मनोज,कांति भाई व अन्य काशीवासियों एवं गुजरातवासियो ने कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष योगदान दिया।