
वाराणसी में सुहागिनों ने वटवृक्ष की पूजा कर मांगा पति की दीर्घायु का आशीर्वाद
वाराणसी – सोमवार को पूरे श्रद्धा और आस्था के साथ वट सावित्री व्रत का आयोजन वाराणसी समेत विभिन्न क्षेत्रों में हुआ। सुहागिन महिलाओं ने व्रत रखकर वटवृक्ष की विधिवत पूजा की और अपने पतियों के लंबे जीवन तथा सुखमय वैवाहिक जीवन की प्रार्थना की।
हिंदू परंपरा में विशेष स्थान रखने वाले इस पर्व पर महिलाओं ने पारंपरिक परिधान पहनकर पूजा-अर्चना की। मान्यता है कि इसी दिन देवी सावित्री ने अपने पति सत्यवान को यमराज से वापस प्राप्त किया था। तभी से यह व्रत अखंड सौभाग्य और पति की दीर्घायु के लिए किया जाता है।
सुबह से ही महिलाओं ने बरगद के पेड़ों के पास एकत्र होकर पूजा सामग्री के साथ वटवृक्ष की आराधना की। उन्होंने वृक्ष की परिक्रमा की और कलावा बांधकर अपने परिवार की खुशहाली की कामना की। पूजन के साथ ही सावित्री-सत्यवान की कथा का श्रवण किया गया।
वाराणसी के हैदराबाद गेट, अस्सी घाट, लंका, सुंदरपुर, खोजवा, लंका, सिगरा समेत कई क्षेत्रों में सामूहिक रूप से व्रती महिलाएं देखी गईं। प्रसाद वितरण और पूजा के पारंपरिक गीतों से वातावरण भक्तिमय हो गया।
यह पर्व न केवल स्त्री सशक्तिकरण और सतीत्व की प्रतीक परंपरा को जीवित रखता है, बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता का संदेश भी देता है। वृक्ष पूजन के माध्यम से महिलाओं ने प्रकृति के संरक्षण का संकल्प लिया। वट सावित्री व्रत भारतीय संस्कृति में नारी शक्ति, प्रेम, त्याग और समर्पण की अनूठी मिसाल पेश करता है।