
गांधीनगर में बोले प्रधानमंत्री – 1947 में कठोर निर्णय न लेने का देश ने भुगता परिणाम
गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गांधीनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए आतंकवाद के खिलाफ अपनी सरकार की ‘समूल नाश की नीति’ को दोहराया। महात्मा मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में 5,536 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं के उद्घाटन के बाद सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान पर निशाना साधा और 1947 से लेकर वर्तमान तक आतंकवाद के इतिहास और उसके दुष्प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “अगर 1947 में हमने कश्मीर में घुसे मुजाहिद्दीनों को वहीं पर समाप्त कर दिया होता और सरदार पटेल की बात मानी होती, तो आज कश्मीर की स्थिति कुछ और होती।”
उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा और आतंकी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने स्पष्ट नीति बना ली है — आतंकवाद का पूर्ण नाश।
“पाकिस्तान जान चुका है कि भारत से वह नहीं जीत सकता”, यह कहते हुए प्रधानमंत्री ने भारतीय सेना की वीरता और पिछली जीतों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “भारतीय सेना ने हर बार पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है।”
सभा के दौरान प्रधानमंत्री ने 2014 से अब तक भारत की आर्थिक प्रगति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “जब मैंने 2014 में शपथ ली थी तब भारत की अर्थव्यवस्था 11वें स्थान पर थी, आज भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। यह पूरे देश के लिए गर्व की बात है।”
उन्होंने कहा कि भारत अब जापान को पीछे छोड़ चुका है और यूनाइटेड किंगडम को पहले ही पीछे छोड़ चुका है, जिसने 250 वर्षों तक भारत पर शासन किया था।
प्रधानमंत्री ने सभा में देशभक्ति की भावना की सराहना करते हुए कहा, “जहाँ भी गया, वहाँ केसर के समुद्र की गर्जना और लहराता तिरंगा दिखाई दिया। यह दृश्य देश के उज्जवल भविष्य की झलक देता है।”