
डॉक्टरों और शिक्षाविदों ने बताया—कैसे तम्बाकू बनता है विनाश का कारण
वाराणसी : विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर शनिवार को एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। यह वेबिनार प्रो. बी. एन. जुयाल एजुकेशनल फाउंडेशन ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित हुआ, जिसमें देश भर से विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और वक्ताओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. अंबिका प्रसाद गौड़ ने की। उन्होंने संस्था के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए सभी वक्ताओं और प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि नशा आज के समाज के लिए गंभीर चुनौती बन चुका है, जिसे जड़ से समाप्त करने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा।
लखीमपुर से जुड़ी प्राचार्या श्रीमती नीलम अवस्थी ने तम्बाकू को परिवार के टूटने और सामाजिक विघटन का मुख्य कारण बताया। उन्होंने कहा, “तम्बाकू की लत केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरे परिवार को प्रभावित करती है।”
मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. आर. एन. यादव ने कहा कि कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों की जड़ में तम्बाकू है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे तम्बाकू से दूर रहें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
दरभंगा से जुड़ी शिक्षाविद डॉ. विदुषी आमेटा ने अपने वक्तव्य में कहा कि नशे की लत युवाओं को गुमराह कर रही है और उनका उज्जवल भविष्य अंधकार में धकेला जा रहा है। उन्होंने स्कूल और कॉलेज स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत पर बल दिया।
इस अवसर पर डॉ. अत्रि भारद्वाज ने तम्बाकू के दुष्परिणामों से बचाव के लिए जनजागरूकता को सबसे प्रभावी उपाय बताया, वहीं डॉ. देवेंद्र कुमार सिंह ने इसे ‘मीठा ज़हर’ करार दिया। श्री भरत कुशवाहा ने नशा मुक्ति के उपायों पर विस्तार से चर्चा की और समाज में सकारात्मक वातावरण निर्माण की आवश्यकता बताई।
कार्यक्रम का कुशल संचालन श्री अरुण कुमार मिश्रा द्वारा किया गया। इस वेबिनार के माध्यम से एक स्पष्ट संदेश दिया गया कि तम्बाकू छोड़ना सिर्फ एक निर्णय नहीं, बल्कि जीवन की दिशा बदलने वाला कदम है।