
गंजारी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के पास सैकड़ों किसानों का प्रदर्शन, अधिग्रहण रद्द करने की मांग पर अडिग
वाराणसी – कभी स्वतंत्रता सेनानियों के गढ़ रहे इस क्षेत्र के किसान आज अपनी ज़मीन बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। गंजारी, हरसोस और आसपास के प्रभावित गांवों के किसानों का स्पोर्ट्स सिटी और फोरलेन सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना आज आठवें दिन भी जारी रहा।
किसानों का कहना है कि वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) और लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा जबरन आबादी क्षेत्र और कृषि भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है, जिससे उनकी आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है। किसानों का यह आंदोलन उस वक्त तेज हुआ जब 6 जून 2025 को वीडीए की टीम जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई को लेकर मौके पर पहुंची। इसके विरोध में किसानों ने अनिश्चितकालीन धरने की घोषणा कर दी थी।
धरना स्थल पर किसानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। शनिवार को भी सैकड़ों किसान गंजारी स्थित निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के समीप एकत्र होकर अपनी आवाज बुलंद करते नजर आए।
पूर्वांचल किसान यूनियन के अध्यक्ष योगीराज सिंह पटेल ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि,
> “वीडीए और पीडब्ल्यूडी मनमाने तरीके से नियमों को ताक पर रखकर किसानों की जमीन छीनना चाहते हैं। हम न मुआवजा चाहते हैं, न पुनर्वास – हम इस योजना को पूरी तरह रद्द कराने की मांग पर अडिग हैं। अगर सरकार ने हमारी जमीन को अधिग्रहण से मुक्त नहीं किया तो हम आगामी दिनों में महापंचायत कर उग्र आंदोलन शुरू करेंगे।”
धरने की अध्यक्षता वरिष्ठ किसान दीलिप सिंह ने की जबकि संचालन क्षेत्र पंचायत सदस्य विनय मौर्य ने किया। अंत में हरसोस ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ओमप्रकाश सिंह पटेल ने सभी का आभार व्यक्त किया।
इस दौरान आंदोलन में प्रमुख रूप से पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य राजकुमार गुप्ता, डॉ. राजेंद्र सिंह, रंजीत पटेल, गणेश शर्मा, सुरेश वर्मा, जियाराम, अजीत पटेल, हृदय पाल, मनोज कुमार सिंह, विरेंद्र पटेल, रामबालक पटेल, शिवम्, प्रहलाद पाल, राजकुमार राजभर समेत बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।
अब तक सरकार या संबंधित विभाग के किसी अधिकारी ने किसानों से कोई संवाद नहीं किया है, जिससे किसानों में नाराज़गी और असंतोष गहराता जा रहा है। किसानों ने दो टूक कहा कि अगर जल्द हल नहीं निकला तो यह आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है।