
रानी दुर्गावती के विचारों से ही संभव है राष्ट्र की रक्षा : कृष्णा नन्द
वाराणसी : रानी दुर्गावती विचार परिषद की ओर से “केसरिया भारत” अभियान के अंतर्गत एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता परिषद के जिलाध्यक्ष सोनू गौड़ ने की, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में धरोहर संरक्षण सेवा संगठन के प्रमुख संयोजक कृष्णा नन्द पाण्डेय उपस्थित रहे।
उन्होंने कहा कि “रानी दुर्गावती के लहू का एक-एक कतरा सनातन संस्कृति को समर्पित था।” उन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर राष्ट्र और संस्कृति की रक्षा की। उनका बलिदान आज भी हमें प्रेरणा देता है और यह समय है कि हम उनके विचारों को आत्मसात कर समाज को एक नई दिशा दें।
कृष्णा नन्द ने आगे कहा कि रानी दुर्गावती का बलिदान केवल इतिहास नहीं, बल्कि एक सतत प्रेरणा है, जो आज के समाज को संस्कृति रक्षा की चेतना से जोड़ता है।
वहीं, वक्ता आकाश रघुवंशी ने कहा कि सोलहवीं शताब्दी में जब मुगलों का आतंक अपने चरम पर था, तब रानी दुर्गावती ने उनकी दासता स्वीकार नहीं की। उन्होंने मुगलों से सीधे युद्ध का मार्ग चुना और गोंडवाना क्षेत्र से उन्हें खदेड़ दिया। उनका जीवन हमें शस्त्र और शास्त्र दोनों में निपुण होने की प्रेरणा देता है।
कार्यक्रम में चन्द्रदेव पटेल, राकेश त्रिपाठी, राजेन्द्र गौड़, अशोक पाण्डेय, विवेक चौहान, आशीष गौड़, राजेश गौड़, रमाकान्त पाण्डेय, अजय सेठ एवं सुनील गौड़ सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का सफल आयोजन अवनीश गौड़ ने किया, जबकि संचालन की जिम्मेदारी गौरव मिश्र ने निभाई। समापन सामूहिक श्री हनुमान चालीसा पाठ के साथ किया गया।