
अवध शिल्प ग्राम में तीन दिवसीय आम महोत्सव प्रारंभ, सीएम योगी ने किया उद्घाटन
लखनऊ। अवध शिल्प ग्राम में शुक्रवार से तीन दिवसीय आम महोत्सव का शुभारंभ हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। महोत्सव में आम की 800 से अधिक प्रजातियां प्रदर्शित की गई हैं, जिन्हें देखने और चखने का अवसर आमजन को मिलेगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दिखाकर आम से लदे कंटेनरों को लंदन और दुबई के लिए रवाना किया।
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप प्रदेश का किसान आधुनिक तकनीकों का प्रयोग कर कृषि में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। उन्होंने कहा कि आम महोत्सव केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि तकनीक के विकास का माध्यम बन रहा है। डबल इंजन की सरकार ने चार पैक हाउस स्थापित किए हैं, जिससे आम के निर्यात में बढ़ोतरी हो रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि औद्यानिक फसलों से जुड़े किसानों को निर्यात के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रदेश का आम अब विदेशों में अपनी पहचान बना रहा है और भविष्य में निर्यात की मात्रा को और बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जीडीपी में 25 से 30 प्रतिशत योगदान कृषि का है। बुंदेलखंड में जल परियोजनाओं के माध्यम से सिंचाई की समस्या का समाधान किया गया, जिससे वहां बहुफसली खेती को बढ़ावा मिला है। एक एकड़ में मक्का की खेती से किसानों को एक लाख रुपये तक का मुनाफा हो रहा है।
सीएम योगी ने बताया कि राज्य में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जा रही है और औषधीय पौधों का रोपण भी तेजी से बढ़ रहा है, जिससे किसानों की आमदनी में इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग की चुनौती से निपटने के लिए कृषि वैज्ञानिकों और औद्यानिक विशेषज्ञों को सक्रिय भूमिका निभानी होगी।
इस अवसर पर उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि प्रदेश में 61 लाख मीट्रिक टन आम का उत्पादन हो रहा है। उन्होंने बताया कि सभी जिलों में जलवायु के अनुरूप आम की पौध उपलब्ध कराई जा रही है और 28 करोड़ पौधे नर्सरी से वितरित किए गए हैं। उद्यान मंत्री ने कहा कि प्रदेश में कृषि भूमि लगातार कम हो रही है, इसलिए ऐसे विकल्प विकसित किए जा रहे हैं, जिनसे कम क्षेत्रफल में अधिक मूल्य की फसल तैयार हो सके।
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जिस भूमि में गेहूं की फसल से 38 हजार रुपये की आमदनी होती है, उतने ही क्षेत्रफल में शिमला मिर्च की खेती से 15 लाख रुपये तक का उत्पादन संभव है। उन्होंने कहा कि किसानों के उत्पादों को वैश्विक बाजार में कम लागत में पहुंचाने के लिए जेवर एयरपोर्ट विकसित किया जा रहा है, जिससे निर्यात को गति मिलेगी।