
हाईकोर्ट की हरी झंडी: यूपी के 5 हजार स्कूल होंगे विलय, 51 छात्रों की याचिका खारिज
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार की 5,000 छोटे स्कूलों के विलय की योजना को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ से बड़ी राहत मिली है। न्यायालय ने सीतापुर के 51 छात्रों द्वारा दाखिल याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने स्कूलों के विलय पर रोक लगाने की मांग की थी।
न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि राज्य सरकार की यह योजना संसाधनों के समुचित प्रबंधन और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए है।
छात्रों ने जताई थी आपत्ति
याचिकाकर्ताओं का कहना था कि स्कूलों के विलय से बच्चों की पढ़ाई पर नकारात्मक असर पड़ेगा और उन्हें दूसरे स्कूलों में जाकर पढ़ना पड़ेगा, जिससे असुविधा होगी। लेकिन अदालत ने इन आशंकाओं को खारिज कर दिया और सरकार के फैसले को उचित बताया।
कम छात्र संख्या वाले स्कूल होंगे बंद
सरकार ने उन स्कूलों की पहचान की है जहां छात्रों की संख्या बहुत कम है और वे स्वतंत्र रूप से संचालित करने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे स्कूलों को नजदीकी बड़े स्कूलों में समाहित किया जाएगा और कम उपयोग वाले भवनों को बंद किया जाएगा।
सरकार का उद्देश्य—बेहतर शिक्षा, मजबूत आधारभूत ढांचा
सरकार का कहना है कि इस योजना का मकसद शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना और छात्रों को बेहतर शिक्षण वातावरण उपलब्ध कराना है। इससे शिक्षकों की उपलब्धता बढ़ेगी और संसाधनों का अधिक प्रभावी उपयोग सुनिश्चित होगा।
अब इस निर्णय के बाद सरकार की योजना को लागू करने का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है और स्कूल विलय की प्रक्रिया को तेज़ी से आगे बढ़ाया जाएगा।