
राष्ट्र और समाज निर्माण में सहभागी शिक्षकों की चिंता करे सरकार – अमित पाण्डेय
(रिपोर्ट: विवेक राय)
राष्ट्र और समाज निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाने वाला शिक्षक सरकार की उदासीनता और खराब नीतियों के कारण आज असहाय और मजबूर स्थिति में पहुंच गया है। भारत में शिक्षा का अधिकार सरकार ने लागू कर दिया है किंतु शिक्षकों के अधिकार पर सरकार कोई विचार नहीं कर रही है, सरकार की उपेक्षा के कारण वित्त विहीन शिक्षक अपने परिवार का भरण पोषण कर पाने में असहाय महसूस कर रहा है।
समान कार्य हेतु समान वेतन की बात तो दूर सरकार द्वारा वित्त विहीन शिक्षकों को कोई मानदेय भी नहीं दिया जाता। हमारे देश में 70 के दशक से नारा दिया जा रहा है कि ” हो गरीब या हो धनवान, सबको शिक्षा एक समान ” इस नारे की सार्थकता कैसे सिद्ध होगी? एक ही कार्य के लिए कुछ लोगों को लाखों रुपए महीने सरकार वेतन देती है जबकि उसी कार्य के लिए सरकार वित्त विहीन शिक्षकों को कोई मानदेय भी नहीं देती। सरकार को राष्ट्र और समाज निर्माण में सहयोग करने वाले, वित्त विहीन शिक्षकों को कम से कम 10 हजार रुपए प्रति माह चाहे वह प्राथमिक स्तर के शिक्षक हो अथवा इंटर कालेज स्तर के देकर उनके कष्ट को दूर करने का प्रयास करना चाहिए, उपरोक्त बाते स्कूल कल्याण एसोसिएशन की बैठक में अध्यक्ष अमित पाण्डेय ने बताई।
स्कूल कल्याण एसोसिएशन की बैठक एम बी ए एच इण्टर कालेज मुर्दहा वाराणसी में आयोजित हुई, बैठक में स्कूल कल्याण एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित पाण्डेय ने कहा कि मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ रहे अलाभित समूह के गरीब बच्चों को दी जाने वाली सहयोग राशि के साथ ही स्कूलों की शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान सरकार को अविलंब करके विद्यालय एवं शिक्षकों को आर्थिक संकट से बाहर निकलने में मदद करनी चाहिए। आर टी ई के अंतर्गत स्कूलों को दी जाने वाली शुल्क प्रतिपूर्ति उत्तर प्रदेश में काफी कम है, 2012 से अब तक इसमें कोई वृद्धि नहीं की गई है जबकि अन्य राज्यो में शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान 2000 रुपए प्रतिमाह से ज्यादा किया जा रहा है और उत्तर प्रदेश में यह 450 रुपए प्रतिमाह की दर से भुगतान किया जा रहा है। बैठक में सभी वक्ताओं ने एक स्वर से यह मांग किया कि अन्य राज्यो की तरह उत्तरप्रदेश में भी शुल्क प्रतिपूर्ति 450 रुपए प्रतिमाह की जगह 2000 रुपए प्रतिमाह और वित्त विहीन शिक्षकों को कम से कम 10 हजार रुपए महीने मानदेय देने की सरकार व्यस्था करे। बैठक में जैनेंद्र मौर्य, अभिषेक पटेल एडवोकेट, डॉ विजय मौर्य एडवोकेट, लक्ष्मीशंकर राजभर, अश्विनी उपाध्याय, विशु जी बरनवाल, डा जे पी यादव, सुनील विश्वकर्मा, हेमंत सोनकर, संजय केशरी, गुलाली यादव, आदि विद्यालय प्रबंधक उपस्थित रहे।