घरों में घुसा पानी, जहरीले जीवों से दहशत; फसलें भी तबाह
चौबेपुर (वाराणसी)। गंगा, गोमती और नाद नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि से चौबेपुर क्षेत्र के तटवर्ती गांवों में बाढ़ ने विकराल रूप ले लिया है। हालत यह हो गई है कि कैथी स्थित श्मशान घाट पूरी तरह जलमग्न हो गया है, जिसके चलते शवों का दाह संस्कार खेतों में किया जा रहा है।
मार्कंडेय महादेव मंदिर क्षेत्र में स्नान और दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं बाढ़ का पानी कई गांवों के घरों में घुस गया है, जिससे ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई है। जलभराव के साथ-साथ जहरीले जीव-जंतुओं के घरों में घुस आने से लोगों में भय का माहौल है।
बाढ़ की वजह से गौराउपरवार, बर्थरा कला, मुरीदपुर, सरसौल, चंद्रावती, ढकवां, कैथी, राजवाड़ी, लक्ष्मीसेनपुर, टेकूरी, धौरहरा, सरैया, पीपरी और शिवदशा सहित दर्जनों गांव जलमग्न हो चुके हैं।
पिपरी गांव के प्रधान मंगल यादव ने बताया कि गोमती नदी की बाढ़ से तटवर्ती क्षेत्र की सैकड़ों एकड़ में खड़ी धान, गन्ना, बाजरा और सब्जियां नष्ट हो गई हैं। किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
बाढ़ के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी सक्रिय हो गई हैं। चोलापुर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आर. बी. यादव ने बताया कि प्रभावित गांवों में नाव के जरिए चिकित्सीय टीमें दवाओं का वितरण कर रही हैं, ताकि महामारी फैलने से रोका जा सके।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर जलस्तर में इसी तरह वृद्धि होती रही, तो हालात और भी गंभीर हो सकते हैं। प्रशासन से तत्काल राहत और पुनर्वास की मांग की जा रही है।