
मंडलायुक्त ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण
वाराणसी। मध्य प्रदेश में बीते तीन दिनों से हो रही लगातार भारी बारिश का असर अब पूर्वांचल पर भी दिखने लगा है। गंगा नदी का जलस्तर वाराणसी में चेतावनी बिंदु को स्पर्श कर चुका है, और इसके शीघ्र ही खतरे के निशान को पार करने की संभावना जताई जा रही है। संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है।
इसी क्रम में मंडलायुक्त एस. राजलिंगम व उप महानिरीक्षक, 11वीं एनडीआरएफ मनोज शर्मा ने शुक्रवार को संयुक्त रूप से गंगा के घाटों और वरुणा नदी के किनारे बसे क्षेत्रों—कोनिया, सलारपुर, हुकुलगंज व चौकाघाट का स्थलीय निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान दोनों अधिकारियों ने स्थानीय प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राहत और बचाव कार्यों की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि संभावित बाढ़ से उत्पन्न होने वाली आपात स्थिति से निपटने के लिए त्वरित और समन्वित रणनीति तैयार की जाए, जिससे समय पर प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके।
उपमहानिरीक्षक मनोज शर्मा ने बताया कि एनडीआरएफ की टीमें हर स्तर पर स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय में हैं और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने बताया कि राहत एवं बचाव उपकरणों के साथ टीमें मौके पर तैनात हैं और लगातार सतर्क निगरानी रखी जा रही है।
प्रशासन द्वारा तटीय इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और संवेदनशील स्थानों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए हर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।