
वाराणसी नगर निगम कान्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन सिगरा वाराणसी द्वारा नगर निगम मे सामान्य अभियन्त्रण विभाग के ठेकेदारो की समस्याओ का निस्तारण न होने के कारण विरोध मे धरना का दूसरा दिन रहा जारी |
(संतोष कुमार सिंह )
वाराणसी :-वाराणसी नगर निगम कान्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन सिगरा वाराणसी द्वारा सिगरा स्थित नगर निगम मे सामान्य अभियन्त्रण विभाग के ठेकेदारो की समस्याओ का निस्तारण न होने के कारण 13 फरवरी 2024 से मुख्य अभियन्ता कक्ष के बाहर नगर निगम वाराणसी के सभी ठेकेदार विभिन्न मांगों व लेखा विभाग, इन्जिनियरिंग विभाग के प्रताड़ना आदि के विरोध में दे रहे धरना जिसमे की 14 फरवरी बुधवार को दूसरे दिन भी धरना रहा जारी |
धरना दे रहे विशाल अवस्थी के द्वारा मीडिया को बताया गया की पिछले कई माह से ठेकेदार समस्याओं का सामना करते चले आ रहे है जिसके कारण परेशान होकर हमलोग नगर निगम मे धरना देने को मजबूर हुए है जब तक न्याय नही तब तक चलेगा धरना |
विशाल अवस्थी के द्वारा नगर आयुक्त को प्रार्थना पत्र भी दिया जिसमे अपनी समस्याओं का उल्लेख किया और बताया की विश्व की धार्मिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक व राजधानी काशी व देश के सबसे शक्तिशाली सांसद माननीय प्रधानमंत्री जी के संसदीय क्षेत्र में बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली सबसे बड़ी संस्था नगर निगम परिवार के सदस्य के रूप में हम सभी ठेकेदार पर्यो, त्योहारो अतिविशिष्ट अतिथियो के आगमन पर हम सभी रात-दिन एक करके अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देते हुए कार्यक्रम को सकुसल सम्पन्न कराते चले आ रहे है किसी भी दशा में नगर निगम की छवि धूमिल नहीं देते है लेकिन विगत छः माह से कुछ समस्याओ के संदर्भ में बीते साल 5 दिसम्बर 2023 से कई अन्य पत्र देकर आपको समस्याओ से अवगत कराते चले आ रहे है समस्याओ के समाधान की दिशा में अधिकारीयों द्वारा रूचि न लिए जाने से समस्याए जटिल होती जा रही है |
दिन प्रतिदिन जटिल होती समस्याओ का समाधान न होने से हम सभी ठेकेदार नगर निगम प्रशासन का ध्यान आकर्षण हेतु 13 फरवरी 2024 से क्रमिक ध्यान आकर्षण कार्यक्रम करने के लिए मजबूर है |
हमारी समस्याएँ निम्न है –
(1)- तथ्याहीन बेबुनयिाद शिकायतों पर सीधे काली सूचि में डालने के सम्बन्ध में बिना किसी ठोस आधार के बेबुनियाद शिकायत पर मैटेरियल के नमूने की जाँच रिपोर्ट आने से पूर्व काली सूचि में डालने की प्रक्रिया दोषपूर्ण है काली सूचि में ठेकेदार को डालने की एक प्रक्रिया है व नियम है बिना नियम व प्रक्रिया किये काली सूचि में डालना विधि विरूद्ध कार्यवाही है जिन दो ठेकेदारों को काली सूचित में डाला गया है पहले उन्हें बहाल किया जाय नियमों के अनुसार जाँच कमेटी बना जाँच के आधार पर कार्यवाही किया जाय |
(2)- सभी मदो मे सतत भुगतान प्रक्रिया सभी मदो में सतत भुगतान न होने से ठेकेदार विकास कार्यों को आपेक्षित गति नहीं दे पा रहे है परिणाम स्वरूप ठेकेदारो की साख खराब हो रही है |
(3)- नगर निगम सदन से पुर्नरिक्षित बजट पास होने पर भी भुगतान की फाईलों पर बजट मुहर अंकित नहीं करने से करोड़ो रूपये का भुगतान की फाईलें मुख्य अभियन्ता कार्यालय में धूल फाक रही है |
(4)- 6 प्रतिशत अतिरिक्त जी०एस० टी० प्रतिपूर्ति का भुगतान न किया जाना जी०एस० टी० कैसिंल द्वारा सरकारी विभागो के निमार्ण कार्यों पर 12 प्रतिशत जी० एस० टी० जुलाई 2022 से संसोधित करके 12 प्रतिशत कर दिया गया है 6 प्रतिशत अतिरिक्त जी०एस० टी० प्रतिपूर्ति के सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश सरकार ने शासनादेश जारी कर प्रतिपूर्ति का निर्देश दिया है जिसके अनुपालन में सभी राजकीय संस्थाओ द्वारा 6 प्रतिशत अतिरिक्त जी०एस० टी० का भुगतान मूल डेयक के साथ किया जाने लगा है लेकिन नगर निगम द्वारा अग्रीम रूप से जमा जी० एस० टी० का प्रतिपूर्ति न किये जाने से ठेकेदार आर्थिक क्षति उठा रहे है अविलम्ब प्रतिपूर्ति किया जाए |
(5)- बार बार भुगतान सम्बन्धित प्रोफार्मा बदला जाना बन्द किया जाय जब से नये मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी ने पदभार ग्रहण किया है तब से नित भुगतान अग्रसारण प्रोफार्मा बदल रहे हैं अब तक चार बार प्रोफार्मा बदला जा चुका है परिणामस्वरूप भुगतान की फाईले मुख्य अभियन्ता कार्यालय व लेखा विभाग कार्यालय में घूम रही है कोई एक प्रोफामी निर्धारित किया जाय |
(6)-भुगतान की फाईलों का गायब होना- 15 यों सहित अन्य मदो भुगतान की कई फाईले गायब है जिसकी अन्तिम लोकेशन मुख्य अभियन्ता कार्यालय तक है उसके बाद का कोई मुमेन्ट नहीं है गायब फाईलो की डूप्लीकेट फाईले बनाकर भुगतान किया जाय |
(7)- देयको से अनावश्यक कटौती किया जाना कड़े प्रतिस्पर्धा से प्राप्त कार्यों को गुणवत्ता पूर्वक पूर्ण स्थानीय पार्षद व नागरिको के देखरेख में कार्य किया जाता है लेकिन देयको से उच्चधिकारो द्वारा कटौती किया जाना उचित नहीं है कटौती बन्द किया जाय |
(8)- जी० एस० टी० रहित निविदा व अनुबन्ध पी० डब्लू० डी० सहित अन्य सरकारी विभागो के समान जी० एस० टी० रहित अनुबन्ध व निविदाएँ कराई जाय |
(9)- निविदा शुल्क निर्धारण नगर निगम द्वारा निविदा शुल्क का निर्धारण बिना किसी आधार के मनमाने तरीके से किया गया है निविदा शुल्क का निर्धारण पी० डब्लू० डी० सहित अन्य सरकारी विभागों के समान किया जाय |
(10)- निर्धारित अवीध में निविदाओं का निस्तारण न होना निर्धारित अवीध में निविदाओं का निस्तारण न होने से ठेकेदारों द्वारा जमा ई० एम० डी० पर वित्तिय संस्थाओं को भारी भरकम व्याज देने से ठेकेदार आर्थिक क्षति उठाते चले आ रहे है जटिल निविदा प्रक्रिया को सरल किया जाय | नगर निगम पी० डब्लू० डी० के आधार पर ही अपने नियम बनाता है | पी०डब्लू०डी० द्वारा कुल 24 जटिल निविदा नियमों को शर्तों से बाहर कर निविदाएँ आंमत्रित कर रहा है पी० डब्लू० डी० के नियमों के अनुसार निविदाएँ आंमत्रित व निस्तारण किया जाय |
(11)- थर्ड पार्टी जाँच- 15 वीं वित्त आयोग से प्राप्त अनुदान राशि से कराये जाने वाले कार्यों की जाँच मण्डलयुक्त महोदय द्वारा गठित कमेटी द्वारा किया जाता है कमेटी के किसी एक सदस्य के स्थानान्तरण या सेवा निवृति से रिक्त होने से जाँच कार्य उक्त हो जाता है जॉच न होने से ठेकेदारों के अन्तिम देयक से रोकी गयी 5 प्रतिशत धनराशि पिरीयड भी समाप्त हो जाता है मण्डलायुक्त महोदय 13वीं 14वाँ वित्त आयोग अनुदान के अध्यक्ष होते थे | वर्तमान में मा० महापौर महोदय 15वाँ वित्त के अध्यक्ष है ऐसे में विकास प्राधिकरण की तरह एक जोन के अधिकारीयों द्वारा दूसरे जोन के कार्यों की गुणवत्ता व भौतिक सत्यापन कराया जाय |
(12)- एमरजेन्सी कार्यों की संचिकाओ को स्वीकृत करने के सम्बन्ध में पर्वो, त्योहारो, अतिविशिष्ट अतिथिओ के आगमन पर कार्य कर लिए जाते है परन्तु कार्योपरान्त कार्य को कार्योत्तर स्वीकृति की जगह सामान्य कारण दिखाया जाता है | इस तरह के कार्यक्रम व आयोजन के लिए पूर्व व्यवस्थाओ के अनुसार कार्योत्तर स्वीकृति लिया जाय |
(13) – नई दरों को लागू किया जाय- वर्तमान में निर्माण सामाग्री के बाजार दर अत्याधिक बढ़ गये हैं जिससे पुरानी दरों पर कार्य के गुणवत्ता बनाये रखने में काफी कठिनाई हो रही है वर्तमान दरों को नई दरों से विश्लेषण करा कर नई दरे लागू किये जाय |
(14)- 14 वॉ/15वाँ/नगरीय अवस्थापना निधि के कार्यो की थर्ड पार्टी जाँच व डिफेक्टीव लाईबिल्टी पिरीयड समाप्त हो जाने पर भी रोकी गयी धनराशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है इन तीनों मदों में रोकी गयी राशि व अन्तिम देयकों का भुगतान किया जाय |
विशाल अवस्थी ने नगर आयुक्त से निवेदन करते हुए कहा की 1 से लगायत 14 तक की समस्याआंको यथाशीघ्र समाधान किया जाय, जटिल समस्याओं का समाधान न होने से हम सभी आगामी पार्षद कोटे के निविदाओं में भाग लेने व वर्तमान में चल रहे विकास कार्यों को करने के साथ-साथ आगामी माननीय प्रधानमंत्री जी के प्रस्तावित आगमन पर एमरजेन्सी कार्य को करने में अपने आप को असमर्थ पा रहे है |
धरना के दूसरे दिन बुधवार को मुख्य रूप से विशाल अवस्थी , चंचल श्रीवास्तव , अजीत सिंह , मनीष यादव ,घनश्याम गिरी ,अखिलेश मिश्रा, रमेश सिंह , अनिल चौरसिया , आनंद बिहारी सिंह सहित इत्यादि लोग उपस्थित थे |