
बालिका महोत्सव में लड़कियों की घटती जनसंख्या पर जताई चिंता
मिर्जामुराद लोक समिति और आशा ट्रस्ट के तत्वाधान में मंगलवार को मिर्जामुराद में लड़कियों ने लिंग भेद के खिलाफ जागरूकता रैली निकाली। रैली में शामिल गाँव की सैकड़ों किशोरी लड़कियों ने नही किसी का हो अपमान लड़का लड़की एक समान,बाबा हमको पढ़ने दो पढ़कर आगे बढ़ने दो, कन्या भ्रूण हत्या बन्द करो, बाल विवाह पर रोक लगाओ, हमको दुनिया में आने दो अपना मान बढ़ाने दो, बेटी पढ़ाओ बेटी बढ़ाओ आदि नारे लगाते और हाथ में तख्तियाँ लेकर चल रहे थे। रैली मिर्जामुराद बाजार से श्यामा माता मंदिर तक निकाली गयी। जहा पर बालिका महोत्सव का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ सीताराम हॉस्पिटल के प्रबंधक अनील चौबे, लोक समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर, जोगापुर ग्राम प्रधान चंद्रभूषण, सामाजिक कार्यकर्ता मनोज यादव ने दीप जलाकर किया। लड़कियों ने लिंग भेदभाव और लड़का लड़की असमानता पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम किया और लैंगिक असमानता के खिलाफ खुलकर अपने विचार रखें। कार्यक्रम में मिर्जामुराद और आसपास के कई गांव की लड़कियों ने भाग लिया। मिशनशक्ति अभियान मिर्जामुराद थाने से आई अनुजा गोस्वामी,सोनी कौशधल ने 102,108,1090 आदि हेल्पलाइन नम्बर की जानकारी दिया।
मुख्य अतिथि सीताराम हॉस्पिटल के प्रबंधक अनील चौबे ने कहा कि हमारा समाज लड़कियों और लड़कों में आज भी भेदभाव कर रहा है। जिसके कारण कोख में ही लड़कियों को मार दिया जाता है नतीजन दिन प्रतिदिन लड़कियों की संख्या घटती जा रही है। उत्तर प्रदेश की आबादी में छह साल की उम्र में एक हजार बच्चों के मुकाबले सिर्फ 902 बच्चियां है। इस आंकड़े के मुताबिक प्रदेश में हर साल औसतन पौने दो लाख बेटियां गायब हो रही हैं, जो चिंता की बात है।
लोक समिति के संयोजक नंदलाल मास्टर ने कहा कि गाँव गाँव में किशोरी संगठन की लड़कियों ने इस अभियान के तहत जन जागरुकता अभियान चलाया है समाज में ब्याप्त दहेज, बाल विवाह, कन्या भ्रूण हत्या, महिला हिंसा को ख़त्म करने के लिये लड़कियों की टोली गठित की जा रही है। सामाजिक कार्यकर्ता मनोज ने कहा कि यदि हमें खुशहाल घर समाज चाहिए तो महिलाओं के साथ होने वाले हर तरह के भेदभाव के खिलाफ आवाज उठानी होगी।
कार्यक्रम का संचालन आशा रानी और विमलाने स्वागत राजकुमारी पटेल और धन्यवाद ज्ञापन सोन ने किया। कार्यक्रम में मुख्यरूप से प्रिंसी, अंजली, ज्योति, सुनील, श्यामसुंदर, नरगिस, रंजना, चांदनी, खुशबू, नगीना, आंचल, उजाला, सुनीता, रिंकी, साधना, बेबी, मैनब, राजकुमारी, रामबचन, शिवकुमार, सोनी, अनीता, प्रेमशीला, सोनम, स्मिता, साधना, सीमा, सुनीता, कोमल, वन्दना, किरन पटेल आदि लोगों ने अपने अपने विचार दिये।