
विद्यार्थियों के लिए ब्रह्म एवं कालेश्वर मुद्रा लाभदायक
वाराणसी :- विश्व योग दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवार को लालपुर स्थित डॉ घनश्याम सिंह पीजी कॉलेज में विद्यार्थियों नें किया योगाभ्यास | कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ प्रबंधक एसोसिएशन के अध्यक्ष नागेश्वर सिंह नें दीप प्रज्जवलन कर किया उन्होंने अंतराष्ट्रीय योग दिवस के इस वर्ष की थीम योग-स्वयं एवं समाज के लिए विषय पर छात्रों को सम्बोधित करते हुए बताया कि योग अनिवार्य रूप से एक अत्यंत सूक्ष्म विज्ञान पर आधारित आध्यात्मिक अनुशासन है जो मन और शरीर के बीच सामंजस्य स्थापित करता है यह स्वस्थ जीवन जीने की एक कला एवं विज्ञान है |
‘योग’ शब्द संस्कृत मूल ‘युज’ से लिया गया है जिसका अर्थ है ‘जुड़ना’ या ‘जोड़ना’ या ‘एकजुट होना’ योग मनुष्य के शरीर, मन और मस्तिष्क को ऊर्जावान बनाता है प्रकृति के साथ तालमेल सिखाने वाला योग हमारी सनातन संस्कृति की जीवन शैली का अभिन्न अंग है जो स्वयं को समाज के साथ जुड़ने में सहायक है |
योग गुरु जीतेन्द्र कुमार सिंह नें छात्र छात्राओं को अपने दिनचर्या में ब्रह्म मुद्रा एवं कालेश्वर मुद्रा को शामिल करने की सलाह दी एवं विभिन्न योगासनों का अभ्यास कराया उन्होंने ब्रह्म मुद्रा के विषय में बताया कि यह विद्यार्थियों का ध्यान,एकाग्रता और मानसिक स्पष्टता को बढ़ा सकता है यह शक्तिशाली योग अभ्यास विशेष रूप से छात्रों के लिए फायदेमंद है क्योंकि यह मन को मजबूत कर सकता है और मानसिक शक्ति में सुधार कर सकता है |
कालेश्वर मुद्रा में काल का अर्थ है समय और ईश्वर का अर्थ है भगवान इस मुद्रा का नाम हिंदू देवता कालेश्वरम (भगवान शिव जी) के नाम पर रखा गया है जो समय पर शासन करते हैं | कालेश्वर मुद्रा धारण करने का एक बड़ा लाभ यह है कि इससे काम के टालमटोल करने की आदत से छुटकारा मिलता है इससे विद्यार्थियों के अंदर समय का महत्व बढ़ता है इसलिए इसे यह नाम दिया गया है |
कार्यक्रम में स्वागत प्राचार्य डॉ आनंद सिंह विषय प्रवर्तन डॉ रचना पाण्डेय संचालन डॉ सुनील मिश्रा धन्यवाद ज्ञापन संजीव सिंह नें दिया ||