
संतान की दीर्घायु एवं मंगलकामना के लिए महिलाओं ने जीवित्पुत्रिका व्रत रखा
चौबेपुर (बराईं) महिलाएं संतान के सुख समृद्धि एवं लंबी उम्र की कामना करते हुए बुधवार को माताओं ने 24 घंटे का निर्जला उपवास रखकर जीवित पुत्रिका व्रत श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ किया। महिलाएं संतान के सुख समृद्धि के लिए पूरे 24 घंटे निर्जला व्रत रखती हैं और विधि- विधान के साथ पूजा करती हैं. इस व्रत के तप से माता अपने संतान की हर मुश्किल से रक्षा करती हैं. इस दिन जीवित्पुत्रिका की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और संतान को भी लंबी आयु का वरदान प्राप्त होता है.
जीवित्पुत्रिका व्रत के बारे पंडित हरीओम तिवारी (मोक्ष की नगरी काशी) ने बताया कि आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि जीवित्पुत्रिका व्रत (बेटा जुतिया व्रत) रखा जाता है. इस दिन माताएं अपनी संतान (पुत्र, पुत्री) की खुशहाली व लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. जितिया व्रत के दिन प्रदोष काल में महिलाएं पूजन स्थल को गोबर से लीपकर साफ करती हैं। वहीं पर जीमूतवाहन की मूर्ति बनाकर विधि विधान से पूजन अर्चन की जाती है तथा लोग अपने मनौती के अनुसार ढोल बैंड बाजा के साथ भी गोठ में बैठतीं हैं । क्षेत्र के सैकड़ों लोग पूजा स्थल पर मौजूद रहें।