
धनुष यज्ञ सीता स्वयंबर एवं लक्ष्मण परशुराम संवाद की लीला देख रोमांचित हुए लीला प्रेमी
चौबेपुर।स्था नीय बाजार में रामलीला के पांचवें दिन रविवार को भगवान श्रीराम ने धनुष को तोड़कर माता सीता से विवाह किया। इस मनोहर दृश्य को देखकर ग्रामवासी भाव विभोर हो गए। शिव धनुष तोड़ने पर तभी परशुराम के प्रचंड क्रोध का भी नजारा देखने को मिला।
बता दें कि सन 1880 से चौबेपुर कस्बा में रामलीला होती आ रही है। ग्रामीणों द्वारा विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी रामलीला के पात्र का पाठ कर शमा बांधा गया, जिसमें रामलीला के मनोहर दृश्य को देखने के लिए क्षेत्र की जनता भी उमड़ पड़ी। वहीं सियाबर राम चंद्र की मनोहर छवि को देखकर लोग भाव विभोर हो गए। तभी धनुष तोड़ने के दृश्य को देखकर परशुराम के क्रोध का भी दृश्य लोगों ने देखा।
बार-बार अपने फरसे की धार को दिखाते हुए क्षत्रियों का नाश करने की बात कहते रहे।वहीं लोग भी इस छवि को देखकर शांत हो गए, तभी लक्ष्मण द्वारा अपने चुटकुले अंदाज में लोगों को हंसाते हुए परशुराम के संवाद करते देखे गए, जिससे लोग आनंदित होते रहे,लेकिन परशुराम का क्रोध बढ़ता गया। परशुराम का पाठ कंचन चौबे ने बखूबी निभाया।वही हुड़दंगा सिंह का पाठ कर रहे बबलू जायसवाल ने दर्शकों को खूब गुदगुदाया, धनुष तोड़ने जनकपुर पहुंचे राजाओं ने अपने अपने पाठ से दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया।
रामलीला के प्रारंभ में राम सीता और लक्ष्मण के छवि की रामलीला कमेटी के संरक्षक कालिका प्रसाद एडवोकेट,अवनीश चन्द्र बरनवाल अध्यक्ष श्याम मोहन गुप्ता,अजय गुप्ता अकेला राहुल सेठ, प्रदीप सोनी राजू सेठ,अमित उपाध्याय, विपुल, प्रिंस चौरसिया पिट्टी, अजय जायसवाल, बबलू सेठ, पिंटू, प्रेम चंद्र, महेंद्र सेठ कटरू गणेशू, गणेश मोदनवाल,राम जी मोदनवाल,अतुल चौबे,भूपत आदि ने आरती उतारने का काम किया