
पंडाल गूंज उठा “हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की” नारों से, महिलाओं ने गाया सोहर
(रिपोर्ट विरेंद्र प्रताप उपाध्याय)
चौबेपुर (वाराणसी)। चौबेपुर क्षेत्र में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर श्रद्धा का अद्भुत उत्सव देखने को मिला। जैसे ही कथा में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का प्रसंग आया, पंडाल में मौजूद श्रोता आनंदित होकर झूम उठे। “हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की” नारों के साथ पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। महिलाओं ने पारंपरिक सोहर गाकर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को उल्लासपूर्ण बना दिया।
कथा वाचक पं. विष्णु कांत शास्त्री ने भगवान नाम की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि वस्तु शक्ति ज्ञान की अपेक्षा नहीं करती। उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया कि जैसे अग्नि को जान-बूझकर या अनजाने में छूने पर वह जलाती है, या विष का सेवन जानबूझकर हो या अनजाने में, वह प्रभाव दिखाता है — ठीक वैसे ही भगवान का नाम सच्चे भाव से लिया जाए या अनजाने में, वह जीव का कल्याण ही करता है।
उन्होंने अजामिल प्रसंग का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे अजामिल ने धोखे से नारायण नाम लिया, फिर भी भगवान ने उसे भव-सागर से पार लगा दिया। कथा में समुद्र मंथन, प्रह्लाद चरित्र, वामन अवतार और भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का विशेष वर्णन किया गया।
प्रतिदिन आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस कथा का श्रवण करने पहुंच रहे हैं। आयोजन में अजगरा विधायक त्रिभुवन राम, पूर्व न्यायाधीश अजीत कुमार तिवारी, अरुण तिवारी, जिला पंचायत सदस्य अंजनी नंदन पांडेय, रवि तिवारी, अनुराग तिवारी, अपूर्व कुमार तिवारी, शिवम चतुर्वेदी, राजू सेठ सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
आयोजन समिति के प्रमुख चंद्रशेखर तिवारी उर्फ मून बाबू ने सभी अतिथियों एवं श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि कथा का उद्देश्य समाज में भक्ति भावना का प्रसार और आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ाना है।