
जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण, स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही पर चेतावनी
वाराणसी। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने शनिवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय (जिला अस्पताल) का औचक निरीक्षण कर अस्पताल में संचालित विभिन्न व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
निरीक्षण की शुरुआत आयुष मित्र कक्ष से करते हुए जिलाधिकारी ने वहाँ उपस्थित कर्मियों से आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों की संख्या के बारे में जानकारी ली। उन्होंने पाया कि लाभार्थियों की संख्या अपेक्षा से कम है, जिस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए चेतावनी दी कि यदि संख्या में सुधार नहीं हुआ तो संबंधित आयुष मित्रों की सेवा समाप्त (टर्मिनेट) कर दी जाएगी।
उन्होंने निर्देश दिया कि भर्ती मरीजों की ग्रामवार सूची तैयार कर पात्र व्यक्तियों को योजना का लाभ दिलाया जाए और नियमित मॉनिटरिंग के ज़रिये संख्या में वृद्धि सुनिश्चित की जाए।
इसके बाद गैर संचारी रोग कक्ष में उन्होंने जाना कि डायबिटीज के मरीजों की संख्या अधिक है, जिस पर उन्होंने सीएमओ को माहवार स्क्रीनिंग और पंजीकरण बढ़ाने के निर्देश दिए।
हीट वेव को लेकर भी डीएम सतर्क नजर आए। उन्होंने कहा कि जिन वार्डों में आवश्यकता हो वहाँ कूलर या एसी की व्यवस्था की जाए और जरूरी दवाओं का स्टॉक समय से मंगाया जाए।
जिलाधिकारी ने इसके अलावा ट्रामा सेंटर, ऑपरेशन थियेटर, ईसीजी कक्ष, स्टोर रूम, डायलिसिस यूनिट आदि का भी निरीक्षण किया। डायलिसिस यूनिट को साफ-सफाई और नियमित सेनेटाइजेशन के निर्देश दिए गए।
ब्लड सेंटर के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने रक्तदाताओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करने का निर्देश भी सीएमओ को दिया।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज के लिए एएसआई और चिकित्सालय निदेशक से भवन ध्वस्तीकरण और भूमि संबंधी विवरण लिया।
तिब्बती विश्वविद्यालय स्थित आयुष चिकित्सा केंद्र और निफ्ट संस्थान के निर्माण कार्यों का भी जायजा लिया और संबंधित संस्थाओं को निर्धारित समय में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।
यह निरीक्षण जिला प्रशासन की ओर से स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।