
आश्रमों व विद्यालयों में मनाया गया 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, मुद्राओं और प्राणायाम से आरोग्यता का संदेश
प्रयागराज/भदोही। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर शुक्रवार को विभिन्न आश्रमों, विद्यालयों और सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से पूरे काशी प्रांत में योग दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का आयोजन भारतीय जनता पार्टी नमामि गंगे विभाग के नेतृत्व में किया गया। इसके तहत प्रांत के कई जिलों—गाजीपुर, भदोही, प्रयागराज, कौशांबी, प्रतापगढ़ और सोनभद्र—में योग कार्यक्रम संपन्न हुए।
कार्यक्रम का संचालन भाजपा के उत्तर प्रदेश महामंत्री संगठन एवं विभाग प्रकोष्ठ के संरक्षक धर्मपाल जी, प्रदेश प्रभारी ओम प्रकाश जी, तथा नमामि गंगे विभाग के प्रदेश संयोजक श्रीकृष्ण दीक्षित जी के मार्गदर्शन में किया गया। काशी प्रांत के संयोजक राजेश शुक्ला और सह संयोजक राजेश शर्मा के नेतृत्व में जिला संयोजकों ने स्थानीय स्तर पर जन सहभागिता के साथ कार्यक्रमों को सफल बनाया।
भदोही जिले के उच्च प्राथमिक विद्यालय छतमी डीघ में विद्यालय प्रभारी डॉ. नरेंद्र नाथ उपाध्याय ने विद्यार्थियों और शिक्षकों के साथ योग अभ्यास कराया। उन्होंने योग, मुद्राओं और प्राचीन भारतीय शास्त्रीय परंपरा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि योग केवल शरीर नहीं, अपितु मन और आत्मा को भी संतुलन में रखता है। डॉ. उपाध्याय ने ‘त्रिकाल संध्या’, मुद्राएं और श्वास प्रक्रिया के वैज्ञानिक आधार पर विस्तृत जानकारी दी।
शाम को स्वामी योगानंद आश्रम में बच्चों, महात्माओं और आम नागरिकों के साथ योग सत्र आयोजित किया गया। इसमें डॉ. आदिनाथ और भाजपा नमामि गंगे विभाग के सह संयोजक राजेश शर्मा सहित अनेक लोगों ने भाग लिया। डॉ. उपाध्याय ने विशेष रूप से बताया कि शास्त्रों में वर्णित गणपति मुद्रा, शिव मुद्रा, शक्ति मुद्रा, वरुण मुद्रा, अंकुश मुद्रा आदि न केवल रोगनाशक हैं, बल्कि मानसिक शांति और आत्मिक जागृति को भी जागृत करती हैं।
शिव शक्ति धाम पालघर महाराष्ट्र के पीठाधीश्वर आचार्य पंकज जी महाराज ने ऑनलाइन माध्यम से योग की उपयोगिता पर विचार रखे। उन्होंने कहा कि मुद्राएं कहीं भी, कभी भी की जा सकती हैं और ये योग के बराबर लाभकारी होती हैं। प्राणायाम को योग और मुद्रा का मूल बताया गया और इसे जीवन का आवश्यक हिस्सा बनाने की अपील की गई।
नमामि गंगे विभाग, शिव शक्ति धाम, माँ गंगा सेवा समिति एवं गंगा विचार मंच जैसे संगठनों के सहयोग से ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में भी विभिन्न योग शिविरों का आयोजन हुआ, जिसमें लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। योग दिवस के माध्यम से नागरिकों को न केवल स्वस्थ रहने का संदेश दिया गया, बल्कि सामाजिक समरसता, शांति और सकारात्मकता का संचार भी हुआ।