
थोक व फुटकर उर्वरक विक्रेताओं पर छापेमारी, स्टॉक व रिकॉर्ड की गहन जांच
वाराणसी। खरीफ सीजन में किसानों को गुणवत्तायुक्त उर्वरक समय से और निर्धारित दर पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने सोमवार को जनपद के थोक और फुटकर उर्वरक विक्रेताओं के यहां छापेमारी की कार्रवाई की।
मंडल स्तरीय प्रवर्तन दल के अध्यक्ष एवं संयुक्त कृषि निदेशक शैलेन्द्र कुमार के नेतृत्व में जिला कृषि अधिकारी संगम सिंह की उपस्थिति में यह अभियान चलाया गया। इस दौरान पीओएस मशीन में दर्ज स्टॉक का गोदाम में रखे वास्तविक स्टॉक से मिलान किया गया।
गुणवत्ता जांच के लिए इफको ई-बाजार, राजातालाब से दो नमूने, मिनाल ट्रेडिंग कम्पनी से एक नमूना तथा गुप्ता खाद भंडार, राजातालाब से एक नमूना संग्रहित किया गया। साथ ही संबंधित प्रतिष्ठानों के स्टॉक और बिक्री रजिस्टर का अवलोकन किया गया।
अधिकारियों ने स्पष्ट निर्देश दिए कि यूरिया, डीएपी, एनपीके सहित किसी भी प्रमुख उर्वरक की टैगिंग अन्य उत्पादों के साथ न की जाए। विक्रेताओं को हिदायत दी गई कि यदि कोई कंपनी या थोक विक्रेता किसी अन्य उत्पाद की अनावश्यक खरीद के लिए दबाव बनाए, तो इसकी सूचना तत्काल जिला कृषि अधिकारी को दें, ताकि उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत कड़ी कार्रवाई की जा सके।
सभी खुदरा विक्रेताओं से कहा गया कि किसानों को उनकी जोतबही के अनुसार पीओएस मशीन से ही उर्वरक निर्धारित दर पर उपलब्ध कराएं। स्टॉक रजिस्टर, बिक्री रजिस्टर व रेट बोर्ड अद्यतन रखें और प्रत्येक किसान को कैशमेमो अनिवार्य रूप से दें।
विक्रेताओं को यह भी निर्देशित किया गया कि उन्हीं कंपनियों के उत्पादों का व्यापार करें, जिनका फार्म ‘ओ’ उनके प्राधिकार पत्र पर अंकित है।
अधिकारियों ने किसानों से अपील की कि वे मृदा परीक्षण के आधार पर और वैज्ञानिक सिफारिशों के अनुसार ही उर्वरकों का क्रय व प्रयोग करें। आवश्यकता से अधिक उर्वरक खरीदने से परहेज करें। अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि किसानों की मांग के अनुसार पर्याप्त मात्रा में उर्वरक की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी और जिले में किसी भी प्रकार की कमी नहीं होने दी जाएगी।