
मुख्य चिकित्सा अधिकारी समेत विशेषज्ञों ने की भूमिका की सराहना, नवाचारों पर हुई चर्चा
(रिपोर्ट विरेंद्र प्रताप उपाध्याय)
चोलापुर (वाराणसी)। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोलापुर में गुरुवार को “संकल्प काशी” के तहत आशा-संगिनी संघ सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवाओं में आशा और संगिनी कार्यकर्ताओं की भूमिका को सशक्त और संगठित बनाने पर जोर दिया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसे मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एच.सी. मौर्य, चिकित्सा अधीक्षक चोलापुर डॉ. आर.बी. यादव, चिकित्सा अधीक्षक चिरईगांव डॉ. मनोज वर्मा, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी शिखा श्रीवास्तव एवं CEL संस्थापक निदेशक एवं वैश्विक स्वास्थ्य वैज्ञानिक डॉ. विश्वजीत कुमार ने संयुक्त रूप से संपन्न किया।
सम्मेलन के दौरान विभिन्न ब्लॉकों से आईं आशा और संगिनी कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने क्षेत्र में किए गए कार्यों, चुनौतियों और नवाचारों को साझा किया। पोस्टर और चार्ट के माध्यम से उन्होंने यह भी दर्शाया कि किस प्रकार आशाओं को समान मंच पर लाकर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर किया जा सकता है। इसके लिए चार श्रेणियों में आशाओं का वर्गीकरण किया गया, जो उनके भौगोलिक और कार्यक्षेत्रीय संदर्भों पर आधारित था।
मुख्य अतिथि डॉ. संदीप चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि, “संकल्प काशी जैसी पहल वाराणसी से शुरू होकर पूरे प्रदेश के लिए एक उदाहरण बनेगी। आशा और संगिनी कार्यकर्ताओं की भागीदारी से स्वास्थ्य सेवाएं और अधिक प्रभावशाली होंगी। स्वास्थ्य विभाग इसमें हर संभव सहयोग देगा।”
चिकित्सा अधीक्षक चोलापुर डॉ. आर.बी. यादव ने कहा कि आशा और संगिनी कार्यकर्ता स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की रीढ़ हैं। उनके समर्पण से ही मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी संभव हुई है। उन्होंने बताया कि चोलापुर सीएचसी से “ब्यूटीफुल बर्थ” पहल की शुरुआत की गई थी, जो अब BHU सहित अन्य संस्थानों में भी सफलतापूर्वक संचालित हो रही है।
CEL के संस्थापक निदेशक डॉ. विश्वजीत कुमार ने इसे “स्वास्थ्य क्षेत्र की एक क्रांति” बताते हुए कहा कि, “यह मुहिम प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश और दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी। हमारा अटल संकल्प है कि इसकी शुरुआत चोलापुर से हो और यह प्रयास वैश्विक पहचान बनाए।”
इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न ब्लॉकों की स्वास्थ्य इकाइयों के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में आशा-संगिनी कार्यकर्ता उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में संवाद, प्रेरणा और भविष्य की रूपरेखा पर खुलकर चर्चा की गई।