
संयुक्ता मुखर्जी ने ओम नमः शिवाय, चला है परदेसिया नैना मिलाइ के उपशास्त्रीय संगीत की मनमोहक प्रस्तुति प्रस्तुत कर दर्शक गण को भाव विभोर किया
वाराणसी– काशी भारत की सांस्कृतिक राजधानी है। साहित्य,संगीत एवं कला का अद्भुत संगम है।महादेव की नगरी काशी में घाट संध्या कार्यकम के अंतर्गत राष्ट्रीय एवम अंतराष्ट्रीय कलाकारो के साथ साथ नवोदित कलाकारो द्वारा गायन, वादन एवम नृत्य की अद्भुत प्रस्तुतियां प्रस्तुत की जाती है।
आज सुबह ए बनारस आनंद कानन के तत्वावधान में आयोजित घाट संध्या में दिल्ली से पधारी कलाकार श्रीमती संयुक्ता मुखर्जी ने ओम नमः शिवाय, चला है परदेसिया नैना मिलाइ के बाजे रे मुरलिया बाजे रे उपशास्त्रीय संगीत की मनमोहक प्रस्तुति प्रस्तुत कर दर्शक गण को भाव विभोर किया।
संगत कलाकार के रूप में तबले पर श्री अमल मुखर्जी हारमोनियम पर श्री प्रवीण कुमार सिंह जी उपस्थित रहे। कलाकार को आशीर्वचन एवं प्रमाण पत्र श्री श्याम कुमार केशरी ने प्रदान किया।
कार्यक्रम की परिकल्पना एवं संयोजन सुबह ए बनारस सचिव एवं संस्थापक डॉ रत्नेश वर्मा जी का है। सीमा केशरी ने सफल संचालन कर महोत्सव की महत्ता से अवगत कराया। इस अवसर पर भारी संख्या में दर्शक गण उपस्थिति रहे।