
सनातन संस्कृति की मज़बूती ही संविधान की मजबूती – कृष्णानन्द पाण्डेय
वाराणसी -“ धरोहर संरक्षण सेवा संगठन “ के द्वारा अनवरत चल रहे संस्कृति संवाद यात्रा ( दसवें पड़ाव ) की बैठक का आयोजन पं. दीनदयाल उपाध्याय इण्टर कॉलेज, बाबतपुर वाराणसी मे किया गया, कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री ओम प्रकाश दुबे जी के द्वारा किया गया जिसमे मुख्य वक्ता के रूप मे संगठन के प्रमुख संयोजक कृष्णा नन्द पाण्डेय ने अपने उद्धबोधन मे कहा कि सनातन संस्कृति ही भारतीय संविधान की रक्षा कर सकती है, हमारी संस्कृति जितनी मजबूत होगी, हमारा संविधान उतना मज़बूत होगा, इस लिये सनातन संस्कृति के विस्तार लिये हमे अपने सर्वोच्च बलिदान के लिए हमेसा तैयार रहना होगा, दुनिया मे बहुत से देश आज उदाहरण है, जिनकी संस्कृति कमजोर हुई, वहाँ का संविधान ख़त्म हो गया, रुस जैसे मजबूत देश को विभाजन का दंश झेलना पड़ा, जिसका मूल कारण जनसंख्या असंतुलन, जिसका मूल्य वहाँ के लोगो को अपने राष्ट का बहुत बड़ा भूभाग और अपनी संस्कृति को खोकर चुकाना पड़ा, रुस के विभाजन के बाद कई देश बने, जिसमे 95 प्रतिशत देशो के नाम के आगे …स्तान है, हमारा देश भी ऐसा दंश झेल चुका है, परिणाम मे स्तान ही पैदा हुआ, सरकार आती जाती रहेगी, सरकार का संस्कृति के प्रति मज़बूती सौभाग्य है, सनातन समाज का संस्कृति के प्रति मज़बूती परम सौभाग्य होगा । संस्कृति संवाद यात्रा के द्वारा परम सौभाग्य की प्राप्ति के लिए हमे अपने सर्वोच्च बलिदान के लिए हमेशा तैयार रहना होगा, समाज मे निरन्तर चल कर हमे सनातन संस्कृति के विस्तार का संकल्प लेना होगा, गाँव गाँव मे मन्दिरों को मज़बूत करना और उन मन्दिरों पर रोज/साप्ताहिक रूप से एकत्रित होना होगा, दुनिया के कोने-कोने में रह रहे हिंदुओं की सुरक्षा के लिए अब संगठित होना होगा विधर्मियों द्वारा बार-बार किए जा रहे हिंदू समाज के ऊपर आक्रमण का अब मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। वक्ताओं मे श्री गौरिश सिंह ने कहा कि विश्व का कल्याण किसी में करने की शक्ति है तो सिर्फ सनातन धर्म में है। जब तक हम अपने बच्चों को अपने इतिहास और धर्म के बारे में नहीं बताएंगे तब तक सनातन की रक्षा नहीं हो पाएगा। कोई लालच के बल पर अपनी दुकान चल रहा है तो कोई पथ तलवार के बल पर जिहाद कर रहा है और नाना प्रकार के जिहाद अब समाज के सामने आ रहा है जो समाज और मानवता के लिए बहुत ही हानिकारक है एक सनातन धर्म ही ऐसा धर्म है जो सर्वे भवंतु सुखिनः की कल्पना करता है। जो विश्व के कल्याण की बात करता है सभी सुखी हो कि सबका कल्याण हो की भावना को स्थापित करने के लिए पूरी दुनिया में सनातन का विस्तार होना जरूरी है । वक्ता श्री पंकज तिवारी ने कहा कि शस्त्र के छांव में ही शास्त्र का अनुसंधान होना संभव है बिना शस्त्र के शास्त्र की सुरक्षा नहीं हो पाएगा, श्री अतुल तिवारी ने कहा कि आज हम सभी को संगठित होना होगा हम हर सनातनी सैनिक बनेंगे तभी सनातन विस्तार का संकल्प साकार होगा तभी हमारे ऋषियों की कल्पना सरकार होगी तभी सर्वे भवंतु सुखिन: की कल्पना साकार होगा तभी स्वामी करपात्री जी के विश्व का कल्याण हो की कल्पना सरकार हो पाएगा । कार्यक्रम मे प्रमुख रूप से, नीरज तिवारी, आनन्द मिश्र, विजय प्रकाश, वेद प्रकाश दुबे, सूरज, पप्पु प्रजापति, अवधेश उपाध्याय, सदानन्द उपाध्याय सहित क्षेत्र के गणमान्य लोग उपस्थित रहे ।सभी ने एक सुर में सनातन विस्तार के संकल्प पर बहुत जोर दिया,संचालन गौरव मिश्रा ने किया कार्यक्रम का समापन सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा पाठ के साथ संपन्न हुआ।