
“आत्मदर्शनं” – साध्वी आस्था भारती
प्रयागराज। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा गंगेश्वर बजरंगदास चौराहा, सेक्टर-9, अमिताभ पुलिया के पास, गोविंदपुर, महाकुंभ मेला में भव्य श्री कृष्ण कथा का आयोजन किया गया। इस कथा के अंतिम दिवस पर, दिव्य गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की परम शिष्या साध्वी आस्था भारती जी ने द्रौपदी के गरिमामय चरित्र पर विवेचन किया। उन्होंने बताया कि द्रौपदी का जीवन विकट परिस्थितियों से भरा हुआ था, लेकिन भगवान श्री कृष्ण की कृपा से वह इन सभी विपत्तियों से मुक्त रहीं।
साध्वी जी ने बताया कि आजकल हम कहते हैं कि “Google भगवान है”, लेकिन असल में, Google हर समस्या का समाधान नहीं दे सकता। इसके लिए हमें एक “Perfect Master” की आवश्यकता होती है, जो हमें सही मार्गदर्शन दे सके। इस अवसर पर दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने सभी श्रद्धालुओं को सद्गुरु की शरण ग्रहण करने का आवाह्न किया।
साध्वी जी ने उदाहरण के रूप में बताया कि जैसे एक मरीज, अच्छे डॉक्टर का चुनाव करता है और इलाज के लिए शुल्क अदा करता है, वैसे ही ब्रह्मज्ञान प्राप्त करने के लिए भी एक व्यक्ति को सद्गुरु की शरण में जाना पड़ता है। परन्तु, जब समाज में अज्ञानता और विकार फैल जाते हैं, तब यह क्रम उलट जाता है। ऐसे में, सद्गुरु स्वयं ही जन-जन तक पहुँचते हैं और निःशुल्क ब्रह्मज्ञान का प्रचार करते हैं।
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान आजकल स्थान-स्थान पर सत्संग और कथाएँ आयोजित कर, जन-जन तक ब्रह्मज्ञान का संदेश पहुँचाता है। यह वही सनातन शाश्वत ब्रह्मविद्या है, जो जीव को परब्रह्म का साक्षात्कार कराती है और उसे ब्रह्मस्वरूप बना देती है। साध्वी जी ने इस ज्ञान को सुलभ बनाने के लिए दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रयासों की सराहना की और सभी को इस दिव्य ज्ञान को ग्रहण करने की प्रेरणा दी।
“ब्रह्मज्ञान विशुद्ध ब्रह्मविद्या है, जो एक जीव को परब्रह्म का साक्षात्कार कराती है” – साध्वी आस्था भारत