
अर्बन एग्रोटेक के सहयोग से अब वाराणसी में भी हिमालयन स्ट्रॉबेरी की प्राकृतिक और जैविक खेती सम्भव
(रिपोर्ट विवेक राय)
कछवांरोड। अर्बन एग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड के तत्वाधान में वाराणसी जिले के मिर्जामुराद के किसान लल्ला प्रसाद मौर्या और उनके जैवप्रौद्योगिकी अभियांत्रिकी विषय के वैज्ञानिक पुत्र इंजीनियर अहर्निश मौर्या ने अर्बन एग्रोटेक के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शैलेन्द्र सिंह शेरा एवं डॉ. वंश नारायण सिंह और भदोही जिले के वर्तमान जिला संसाधन अधिकारी (डीआरपी-एलएच) डॉ. वेद कुमार मिश्रा के दिशा निर्देशन में विपरीत मौसम परिस्थिति में प्राकृतिक एवं जैविक तरीके से हिमालयन स्ट्रॉबेरी की खेती करके लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं। आज के खाद्यान्न एवं तेजी से बदलते मौसम के इस विषम परिस्थितियों में बिना किसी रासायनिक उर्वरक के पूर्ण रूप से जैविक तरीके से हिमालयन स्ट्रॉबेरी की सफल खेती कर रहे हैं। डॉ. शैलेन्द्र सिंह शेरा ने पहले भी कार्डीशेप (कीड़ाजड़ी) मशरूम की अर्बन एग्रोटेक लैब में पैदावार करके और बटन मशरूम की विभिन्न प्रजातियों को प्राकृतिक तरीके से उगाकर उसके व्यवसाय से लाखों रुपए का मुनाफा अर्जित कर चुके हैं। डॉ. शैलेन्द्र सिंह शेरा और डॉ. वंश नारायण सिंह पहले भी आईआईएम काशीपुर एवं कृषि मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अर्बन एग्रोटेक को प्रदान किए गए फंड से औषधीय गुणों से भरपूर कार्डिशेप मशरूम का इस्तेमाल करके आरोग्यम ग्रीन टी एवं सुपर हेल्थ कैप्सूल बनकर व्यवसाय कर रहे हैं। इनके नियमित सेवन से लोग तमाम प्रकार की बीमारियों से बच सकते हैं। इस बार डॉ. शैलेन्द्र सिंह शेरा, डॉ. वंश नारायण सिंह एवं डॉ. वेद कुमार मिश्रा के साथ मिलकर इंजीनियर अहर्निश मौर्या एवं लल्ला प्रसाद मौर्या के द्वारा उनके देखरेख में हिमालयन स्ट्रॉबेरी की फसल को उगाने का निर्णय लिया।
विटामिन सी, लौह व खनिज तत्व की प्रचुर मात्रा होने के कारण इस फल का सेवन रक्त अल्पता से ग्रसित रोगियों के लिए बहुत ही लाभप्रद पाया गया है।
मैदानी क्षेत्रों में इसकी पैदावार बढ़ाने से किसानों को व्यावसायिक खेती के माध्यम से आजीविका की बढ़ोत्तरी का सुनहरा अवसर प्राप्त होगा। डॉ. शैलेन्द्र सिंह शेरा, डॉ. वंश नारायण सिंह, डॉ. वेद कुमार मिश्रा और इंजीनियर अहर्निश मौर्या ने भविष्य में इसी प्रकार के व्यवसायिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए किसानों के लिए जितने भी संभावित अवसर हैं उसपर समय समय पर प्रशिक्षण देने का कार्य प्रारंभ करने की उत्तर प्रदेश सरकार के विभिन्न वैज्ञानिकों और अधिकारियों के साथ बैठक का आयोजित करने वाले हैं।