
सशक्त सनातन के निर्माण हेतु केसरिया भाव और केसरी के लाल का अनुकरण आवश्यक : श्री हनुमान पाठ्यक्रम उत्सव में उद्गार
(रिपोर्ट विरेंद्र प्रताप उपाध्याय)
वाराणसी।धर्म संघ शिक्षा मंडल के प्रांगण में धरोहर संरक्षण सेवा संगठन द्वारा भव्य श्री हनुमान पाठ्यक्रम उत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में धर्म शिक्षा मंडल के महामंत्री जगजीतन पांडे ने अध्यक्षता की, जबकि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति बिहारी लाल शर्मा उपस्थित रहे।
अपने प्रेरणादायक संबोधन में कुलपति बिहारी लाल शर्मा ने कहा, “भारत उत्सवों की भूमि है। यह राष्ट्र उत्साह का प्रतीक है और उत्साह ही जीवन को ऊर्जावान बनाता है। उत्साहहीन जीवन शुष्क हो जाता है। भगवान हनुमान जी उत्साह के देवता हैं। उनके चरणों में उपस्थित होकर व्यक्ति में नवचेतना का संचार होता है, जो उसे अपने लक्ष्य की ओर प्रेरित करती है।”
कार्यक्रम के दौरान संगठन के प्रमुख संयोजक कृष्णानंद पांडे ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा, “हर भारतीय को चाहिए कि वह केसरिया और केसरी के लाल की भांति तप कर निखरे। जिस प्रकार केसर बनने से पूर्व केसर के रेशों को तपाया और पीसा जाता है, उसी प्रकार सनातनी युवाओं को भी कठिन परिश्रम और तपस्या के लिए स्वयं को तैयार करना होगा। तभी हम सशक्त सनातन भारत का निर्माण कर पाएंगे।”
इस अवसर पर समाज के विभिन्न क्षेत्रों — खेल, समाज सेवा, चिकित्सा, आध्यात्मिक जागरण, साहित्य, कृषि, पर्यावरण, शिक्षा, संगीत, संस्कृत और समाचार संस्मरण आदि में उत्कृष्ट कार्य करने वाले चार-चार व्यक्तियों को सम्मानित भी किया गया। यह सम्मान उनके योगदान को मान्यता प्रदान करने हेतु दिया गया, जिससे अन्य लोग भी प्रेरित हो सकें।
कार्यक्रम के दौरान ‘केसरिया भारत’ नामक संगठन के नवीन आयाम का शुभारंभ भी किया गया। इस अभियान के माध्यम से भारत में हो रहे गृह धर्मांतरण, आजीविका जिहाद, जनसंख्या असंतुलन, पलायन और गौहत्या जैसी समस्याओं के विरुद्ध जागरूकता फैलाई जाएगी और समाज को संगठित किया जाएगा।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में जगजीतन पांडे ने कहा, “हनुमान जी सदैव धर्म और सत्य के रक्षक रहे हैं। न्याय ही धर्म की आत्मा है। जहां धर्म है, वहीं पर जीवन की सुरक्षा है। धर्म की स्थापना से समाज में अन्याय समाप्त होता है और शांति एवं आनंद का वातावरण निर्मित होता है।”
कार्यक्रम का संचालन गौरव मिश्रा ने कुशलतापूर्वक किया, जबकि राज मंगल पांडे ने धन्यवाद ज्ञापित कर सभी अतिथियों और सहभागियों का आभार व्यक्त किया।
समापन अवसर पर सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ और भव्य ध्वज यात्रा निकाली गई, जिसमें अनेक गणमान्य लोग शामिल हुए। इनमें बिंद्रासनी पांडे, सुधीर सिंह, चंद्रदेव पटेल, अरविंद पांडे, अभय चौबे, सुनील चौबे, उपेंद्र सिंह, राकेश त्रिपाठी, अजय कृष्णा सेठ, राकेश चौबे, बृजेश पांडे, अमन त्रिपाठी, चंचल दुबे, गमन आलोक आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
उत्सव का वातावरण श्रद्धा, समर्पण और उत्साह से परिपूर्ण था, जिसने उपस्थित सभी लोगों में ऊर्जा और प्रेरणा का संचार किया।