
खूनी संघर्ष के दो दिन बाद एफआईआर दर्ज, पुलिस पर लगा पक्षपात का आरोप
(रिपोर्ट विरेंद्र प्रताप उपाध्याय)
चौबेपुर (वाराणसी)। छितौना गांव में भूमि विवाद को लेकर हुए खूनी संघर्ष के दो दिन बाद आखिरकार पुलिस ने पीड़ित पक्ष की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया। इस कार्रवाई से पहले सोमवार को राजपूत करणी सेना और क्षत्रिय महासभा के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने चौबेपुर थाने का घेराव कर जमकर नारेबाजी की। लोगों ने थाने के सामने जमीन पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया और पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया।
घटना गत 5 जुलाई की सुबह की है, जब दिग्पाल सिंह के घर पर करीब एक दर्जन लोगों ने लाठी-डंडों और धारदार हथियारों से हमला कर दिया। हमले में संजय सिंह, अमित सिंह और अनुराग सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। पीड़ित पक्ष ने इसे सुनियोजित जानलेवा हमला बताया है, जिसका कारण पुराना भूमि विवाद बताया गया है।
घटना के बाद पीड़ितों ने तीन बार थाने में तहरीर दी, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। आरोप है कि पुलिस राजनीतिक दबाव में काम कर रही थी। इसी को लेकर सोमवार को करणी सेना और क्षत्रिय महासभा के बैनर तले ग्रामीणों ने थाने का घेराव किया। देर रात पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए बीएनएस की धारा 191(2), 115(2), 352, 351(2), 110 व 333 के तहत भोला राजभर, राम गुलाम, सुरेंद्र, राजेंद्र, रामाश्रय, महेंद्र और एक अज्ञात सहित सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।