
महिला भूमिहार समाज ने मनाया “आया सावन झूम के” उत्सव
रिपोर्ट विरेंद्र प्रताप उपाध्याय
वाराणसी। सावन माह की रिमझिम फुहारों के बीच लोक-संस्कृति की सरस धारा में सराबोर महिला भूमिहार समाज का सांस्कृतिक आयोजन “आया सावन झूम के” सोमवार को होटल अमाया में उल्लासपूर्वक संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत परंपरागत दीप प्रज्वलन और श्रीगणेश वंदना से हुई। इसके उपरांत महिलाओं ने पारंपरिक कजरी गीतों पर नृत्य प्रस्तुत कर सावन के उल्लास को जीवंत कर दिया।
कार्यक्रम में डॉ. इंदू सिंह, डॉ. सरोज पांडे, माधुरी राय, डॉ. आकांक्षा राय, डॉ. रिया राय, नीलम सिंह और डॉ. सुषमा राय विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।
संस्थापिका डॉ. राजलक्ष्मी राय ने कहा, “यह आयोजन नारी शक्ति के आत्मबल, सामाजिक सहभागिता और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण का प्रयास है।”
इस अवसर पर महिलाओं ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सराहनीय पहल करते हुए यह संकल्प लिया कि वे एक वृक्ष अपनी मां के नाम पर लगाएंगी और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगी।
महिलाएं हरे परिधान, मेंहदी लगे हाथों और चूड़ियों की खनक के साथ सजी-धजीं नजर आईं। ढोलक की थाप पर गूंजते लोकगीत और नृत्य ने आयोजन को उत्सवमय बना दिया।
कार्यक्रम में गीत, संगीत, नृत्य, लघु नाटिका और पारंपरिक खेलों का सभी ने आनंद लिया।
आयोजन को सफल बनाने में सरोज सिंह, किरण राय, रितु सिंह, मनीषा राय और रश्मि सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
मुख्य प्रतिभागियों में पूनम सिंह, डॉ. मंजुला चौधरी, किरण सिंह, बंदना सिंह, सोनी राय, प्रतिमा राय, डॉ. विजयता, चंद्रकला राय, सरिता राय, बबीता राय, प्राची राय, नीलिमा राय, सुमन सिंह, सीमा राय, छाया, कुसुम सिंह, अमिता, उमा, अनिता, आशा, सविता, खुशबू और वैदही जी प्रमुख रूप से शामिल रहीं।
कार्यक्रम में लगभग 300 महिलाओं की सहभागिता रही।
अंत में संस्थापिका डॉ. राजलक्ष्मी राय ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम का समापन किया।