
द ऋषिव लाइफ स्कूल,नव भारत निर्माण समिति और बनारस लिट्फेस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुए काव्य-संध्या ‘प्रणम्यते मातृभूमि,मातृशक्ति स्वस्तिनः’ का सफल आयोजन ।
वाराणसी :- ‘द ऋषिव लाइफ स्कूल’ शिवपुर बाइपास वाराणसी में तुलसी जयंती और भारत देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस के शुभ उपलक्ष्य पर एक विशेष काव्य-संध्या का आयोजन किया गया | इस कार्यक्रम का केंद्रीय भाव ‘प्रणम्यते मातृभूमि, मातृशक्ति स्वस्तिनः’था यह काव्य- संध्या 11अगस्त रविवार को सायं 3 बजे से 6 बजे तक,’ऋषिव – वैदिक अनुसंधान,योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र’,सुद्धीपुर शिवपुर बाइपास वाराणसी में आयोजित की गई | देश प्रेमियों और साहित्यधर्मीयों के लिए यह रंगारंग आयोजन विशेष रूप से आह्लादित करने वाला रहा |
कार्यक्रम की मुख्य-अतिथि डॉ. नीरजा माधव,ख्यातिलब्ध हिन्दी साहित्यकार (राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित) थीं अतिविशिष्ट अतिथि: डॉ.दिव्या सिंह, निदेशक,संत अतुलानंद रेसिडेंशियल एकेडमी (SARA), शिवपुर वाराणसी रहीं | सारस्वत अतिथि: प्रो. (डॉ.) रचना शर्मा (प्रोफेसर, संस्कृत व हिन्दी साहित्य) राजकीय महिला महाविद्यालय, बी.एल.डब्ल्यू. वाराणसी | सम्मानीय अतिथि वीणा अग्निहोत्री, सामाजिक कार्यकर्ता एवं उपशास्त्रीय गायिका व कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ.अशोक सिंह,हिन्दी साहित्य के नवगीतकार,पूर्व प्राचार्य, पी.जी.महाविद्यालय गाज़ीपुर रहे |
आमंत्रित कवियित्रीगण में डॉ.अलका दूबे,डॉ.नसीमा निशा,डॉ.संगीता श्रीवास्तव ‘सहर’, करूणा सिंह, राजलक्ष्मी मिश्रा,साधना शाही, ऋतु दीक्षित समेत सभी रचनाधर्मियों ने अपने सुरमयी और रसमयी कविताओं, गीतों, लोकगीतों,कजरी, आदि के माध्यम से सावन माह में बाबा विश्वनाथ, काशी नगरी, माँ सरस्वती, वेद माता, योग माता जगत की नारियों, माताओं, बहनों, स्त्रीशक्ति, मातृभूमि,राष्ट्रशक्ति आदि को भावपूरित शब्दांजली दी गई |
आयोजन समिति के सदस्यों में ऋषिव संस्था की संस्थापक निदेशक डॉ.अपर्णा सिंह के साथ कार्यक्रम संचालिका व कवयित्री आकृति विज्ञ ‘अर्पण’ तथा कार्यक्रम संयोजिका कवयित्री चेतना तिवारी की सक्रिय भागीदारी रही | कार्यक्रम के संयोजक कंचन सिंह परिहार जिला पुस्तकालयाध्यक्ष वाराणसी और बृजेश सिंह सचिव नव भारत निर्माण समिति वाराणसी ने भी अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करायी |
उपरोक्त सभी गणमान्य अतिथियों के अतिरिक्त कार्यक्रम में कुसुम सिंह, उमेश सिंह, स्नेहलता सिंह, डॉ.नीरजा शर्मा, शरद,रवि, अमिता,ममता आदि ने भी अपने कृतित्व से मातृभूमि को सादर प्रणाम किया और साथ ही देश की मातृशक्ति को प्रेरित और प्रोत्साहित भी किया ||