
वैश्विक स्तर पर जैव विविधता काे बचाए रखना मानव रक्षा के लिए जैव तकनीक शोध की उत्तमता हेतु जरूरी – प्रो. हरबंस कौर केहरी
प्रयागराज: नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग व सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन फैसिलिटी के संयुक्त तत्वावधान में आयाेजित सात दिवसीय कार्यशाला “जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र कि कार्यपद्धति” के समापन सत्र के प्रमुख वक्ता वनस्पति विज्ञान विभाग इलाहाबाद विश्वविद्यालय की प्रो. हरबंस कौर केहरी ने बताया कि जैव विविधता की कार्य पद्धति का विश्लेषण होना इसलिए आवश्यक है क्योंकि वैश्विक पर्यावरणीय परिवर्तन,मानवता के उत्थान में जीन और जीनोम जरूरी है,डॉ संजय सिंह फॉरेस्ट शोध केंद्र प्रयागराज ने बताया कि जैव विविधता और पारितंत्र के कार्य और सेवाएं ही जीवन संचालन को निर्धारित करते हैं।
कुलपति प्रो. रोहित रमेश ने बताया कि महगे उपकरणों को सभी संस्थान मानवता हेतु शोध में बायो एथिक्स को प्रशिक्षण में लाना जरूरी है,विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ.एस.सी.तिवारी ने जैव विविधता संरक्षण एवं संवर्धन पर बल देते हुए बताया कि जैव तकनीकी की सुविधा कंसल्टेंसी हेतु लाया जाना चाहिए,प्रो.आर.सी. त्रिपाठी ने कंप्यूटेशनल टूल के उपयोग से कृषि प्रौद्योगिकी में उन्नति हेतु अतिआवश्यक बताया है क्योंकि आज मृदा लीचिंग सामान्य समस्या बन गई है,कुलसचिव आर.एल.विश्वकर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया,कार्यक्रम का संचालन आयोजक सचिव स्वाती शुक्ला ने किया,अतिथियों का स्वागत डॉ शक्ति नाथ त्रिपाठी ने किया,कार्यक्रम संपादित के विषय वस्तु प्रस्तुति डॉ धीरज पाण्डेय ने किया,कार्यक्रम के विषय में श्री प्रदीप उपाध्याय ने तकनीकी सत्र का लाभ बताते हुए डॉ. आदि नाथ ने जीन और जीनोम की सुविधा मानवता के लिए विश्वविद्यालय की सुविधा विश्लेषण तत्पर है,इस अवसर पर प्रतिभागियों सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं छात्र बड़ी संख्या में माैजूद रहे।