
वाराणसी। चिरईगांव क्षेत्र के उमरहा में स्थित विशाल साधना केंद्र स्वर्वेद महामंदिर शिल्प और अत्याधुनिक तकनीक के अद्भुत सामंजस्य का प्रतीक है। 64 हजार वर्ग फीट में बन रहे, सात मंजिला महामंदिर का निर्माण करीब 20 साल पहले शुरू हुआ था।
मुख्य गुंबद 125 पंखुड़ियों के विशालकाय कमल पुष्प की तरह है। स्वर्वेद महामंदिर धाम में मई 2017 में 21 हजार कुंडीय स्वर्वेद उत्तरार्द्ध ज्ञान महायज्ञ हुआ था। उस वक्त इसे इतिहास के सबसे विशालतम यज्ञ की संज्ञा भी दी गई थी।
गुजरात में जी आर सी तकनीक से बनाए गए नौ गुंबद नौ कमलों की तरह हैं। महामंदिर परिसर में 100 फीट ऊंची सद्गुरुदेव की सैंड स्टोन की प्रतिमा भी स्थापित होगी।
तीन लाख वर्ग फीट में गुलाबी पत्थरों पर की गई नक्काशी भी खास है। महामंदिर में मकराना पत्थर पर स्वर्वेद के दोहे अंकित हैं। प्राचीन स्थापत्य कला के समन्वय से बने इस दिव्य आध्यात्मिक केंद्र की एक झलक पाने के लिए दुनिया के अनुयायी उत्सुक हैं।