
चुनाव प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए आयोग ने राजनीतिक दलों से मांगे सुझाव
(रिपोर्ट अभिषेक उपाध्याय)
सुलतानपुर, 16 मार्च। भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों को चुनावी प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सुदृढ़ बनाने के लिए 30 अप्रैल, 2025 तक सुझाव देने के लिए आमंत्रित किया है। इस संबंध में आयोग ने राजनीतिक दलों के अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं को व्यक्तिगत रूप से पत्र भेजकर आपसी संवाद और विचार-विमर्श करने की योजना बनाई है।
आयोग का उद्देश्य निर्वाचन प्रक्रिया को मौजूदा कानूनों और संवैधानिक प्रावधानों के तहत और अधिक प्रभावी बनाना है। इसी क्रम में मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने पिछले सप्ताह एक सम्मेलन में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEO), जिला निर्वाचन अधिकारियों (DEO) और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (ERO) को निर्देश दिया था कि वे राजनीतिक दलों के साथ नियमित संवाद स्थापित करें और उनके सुझावों को कानूनी दायरे में रखते हुए 31 मार्च, 2025 तक आयोग को अपनी कार्यवाही रिपोर्ट सौंपें।
चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को राष्ट्रीय भागीदारी तंत्र का सक्रिय रूप से उपयोग करने की अपील की है। आयोग ने यह स्पष्ट किया कि राजनीतिक दल निर्वाचन प्रक्रिया के 28 प्रमुख हितधारकों में से एक हैं, जिनकी भूमिका चुनावों की निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने में महत्वपूर्ण होती है।
आयोग द्वारा जारी पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और 1951, निर्वाचक पंजीकरण नियम, 1960, निर्वाचन संचालन नियम, 1961, तथा सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न आदेशों के साथ-साथ ईसीआई द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देश, मैनुअल और पुस्तिकाएं चुनाव प्रक्रिया को स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए एक मजबूत कानूनी ढांचे का निर्माण करते हैं।
यह कदम स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है, जिससे राजनीतिक दलों की सहभागिता और जिम्मेदारी बढ़ेगी।