
भाजपा सरकार में मारा जा रहा दलित-पिछड़ो का हक़
संवैधानिक अधिकारों की खुले तौर पर उड़ाई जा रही है धज्जियां – एमएलसी आशुतोष सिन्हा ||
(सन्तोष कुमार सिंह )
वाराणसी :- सपा एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने उ0प्र0 पुलिस में खिलाड़ियों के कोटे से निकली भर्ती में आरक्षित वर्ग को आयु सीमा में छूट न दिए जाने के फैसले पर भाजपा सरकार को दलित व पिछड़ा विरोधी बताते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आवश्यक कार्यवाही की मांग की है उन्होंने बताया कि उ0प्र0 पुलिस में आरक्षी नागरिक पुलिस/पी0ए0सी0 के पदों पर कुशल खिलाड़ियों की सीधी भर्ती-2023, पत्रांक – पीआरपीबी- एक- कु0खि0 (16) /2023, दिनांक – 12 दिसम्बर, 2023 के विज्ञापन में आरक्षित वर्ग (दलित/अन्य पिछड़ा वर्ग) के अभ्यर्थियों को आरक्षण नियमावली के अनुसार उम्र सीमा में मिलने वाली छूट नही प्रदान की जा रही है । जबकि पिछले वर्ष इसी पद के लिए विज्ञापित भर्ती, पत्रांक – पीआरपीबी- एक- कु0खि0 (3) /2022, दिनांक – 7 सितम्बर, 2022 में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को आरक्षण नियमावली के अनुसार आयु सीमा में छूट प्रदान की गई थी इस तरह आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को आरक्षण नियमावली के अनुसार आयु सीमा में छूट न दिया जाना उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन है |
वर्तमान परिवेश में उ0प्र0 में नौकरियां पहले से ही बहुत कम हैं, और यदि जैसे तैसे कोई नियुक्ति निकाली भी जाती है, तो उसमें दलित व पिछड़े वर्ग का हक़ मार लिया जाता है जो कि सरासर अन्याय है उन्होंने कुछ वर्ष पहले हुई 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में भी पिछड़े वर्ग के बच्चों को आरक्षण के लाभ से वंचित किए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा सरकार में प्रत्येक रिक्तियों में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को सामाजिक न्याय के दायरे से बाहर रखना एक प्रचलन बनता जा रहा है |
भाजपा दलितों व पिछड़ों का सिर्फ वोट बैंक के लिए इस्तेमाल कर रही है दलित व पिछड़ा वर्ग को इस विषय पर सोचना ही होगा क्योंकि ओबीसी व एससी वर्ग केवल वोट देने के लिए ही नहीं है बल्कि जनसंख्या के अनुरूप उनको अधिकार भी मिलना चाहिए जिसके लिए समाजवादी पार्टी सड़क से लेकर सदन तक लगातार संघर्ष कर रही है |