
अमन शान्ति भाईचारे के साथ सम्पन्न हुई ईदु-उल-फित्र की नमाज़
चौबेपुर (वाराणसी) क्षेत्र के स्थानीय ईदगाह में सोमवार को सुबह 8 बजे ईदु-उल-फित्र की नमाज खूलूश और मुहब्बत के साथ अदा की गयी। बादे नमाज़ एक दूसरे को गले लगाकर ईदी मिली गयी। वहीं मौलाना नें अपनी तकरीर में बताया कि ईद की नमाज को ईदु-उल-फित्र की नमाज़ क्यों कहा जाता है। क्योंकि इसमें फितरे के तौर पर जो हम़ लोग अनाज खाते हैं, उसके दाम के हिसाब से घर के तमाम सदस्य लोगों पर आज के हिसाब से 70 रुपये के हिसाब से सदकाये-फित्र निकालना होता है, वो भी ईद की नमाज से पहले अदा करना अफ़जल है।
जो हक गरीब जरूरत मंद लोगों का हैं, उनका हक बनता है, इसी लिये इस्लाम में फितरा बनाया गया है। और इसी लिये ईद की नमाज़ को ईदु-उल-फित्र कहा जाता है। और मौलाना बताया कि ईद के दिऩ अपनें हों या गैर सभी को बादे नमाज़ गले लगाओ, इससे मोहब्बत बढ़ती है।और येही मजहबे इस्लाम है। वहीं ईद का पर्व साकुशल सम्पन्न होनें पर एक दूसरे को गले लगाकर मुबारकबाद दी गयी।
मस्जिद के बाहर थाना चौबेपुर प्रभारी निरीक्षक जगदीश कुशवाहा मय फोर्स के साथ नमाज़ को साकुशल संपन्न कराने में मुस्तादी से डटे रहे। इसी तरह चौबेपुर थाना अंतर्गत धौरहरा, कौवापुर, पलकहाँ, अजांँव, बनकट डुबकियाँ, आदि क्षेत्रों की मस्जिदों में शान्ति पूर्ण तरीके से ईदु-उल-फित्र की नमाज़ अदा की गयी। साथ ही बादे नमाज़ एक दूसरे को मुबारकबाद देते हुये गले मिलकर ईद की खुशियाँ मनाई। और एक दूसरे के घर जाकर सेवईं पीनें पीलानें की रश्म को भी अदा किया।