
जरूरतमंदों की सेवा में मिसाल कायम कर रहे हैं मड़ियाहूं के उप जिलाधिकारी
(रिपोर्ट अभिषेक उपाध्याय)
मड़ियाहूं, जौनपुर।मड़ियाहूं के डिप्टी कलेक्टर कुणाल गौरव इन दिनों गरीबों और जरूरतमंदों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं साबित हो रहे हैं। प्रतिदिन तहसील कार्यालय में आने वाले हर व्यक्ति की समस्याओं को गंभीरता से सुनना और उनका समाधान करना उनकी कार्यशैली का हिस्सा बन चुका है। खास बात यह है कि यहां किसी को भी अपने काम के लिए किसी सिफारिश की जरूरत नहीं पड़ती — हर फरियादी की समस्या को प्राथमिकता से निपटाया जा रहा है।
इसी कड़ी में औरैला गांव के रहने वाले राजेश, सुनील और विनय पुत्रगण जिलेदार का मामला सामने आया। तीन भाइयों में से एक भाई पूरी तरह से दृष्टिहीन है। खतौनी में नाम की त्रुटि को लेकर जब यह परिवार तहसील कार्यालय पहुंचा तो डिप्टी कलेक्टर कुणाल गौरव ने मानवीय संवेदनशीलता का परिचय देते हुए खुद उस दृष्टिहीन व्यक्ति को सहारा देकर कुर्सी पर बैठाया। चाय-पानी से उनका स्वागत किया और उनकी समस्या को ध्यानपूर्वक सुना।
दृष्टिहीन व्यक्ति ने बताया कि परिवार की खतौनी में नाम की गलती हो गई है, जिससे उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एसडीएम कुणाल गौरव ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मात्र 24 घंटे के भीतर संशोधित खतौनी तैयार कराई और इसे खुद उसके घर पहुंचाकर सौंपा। जैसे ही वह व्यक्ति खतौनी की सही प्रति अपने हाथों में पाकर भावुक हुआ, वह एसडीएम को पकड़ कर रो पड़ा। इस भावुक क्षण में स्वयं डिप्टी कलेक्टर की आंखें भी नम हो गईं।
एसडीएम ने मौके पर ही भरोसा दिलाया कि भविष्य में भी किसी भी प्रकार की समस्या हो तो बेहिचक अवगत कराएं, समाधान तत्काल किया जाएगा। यह दृश्य देख वहां मौजूद ग्रामीणों की आंखें भी भर आईं। सभी ने डिप्टी कलेक्टर की कार्यशैली और संवेदनशीलता की मुक्तकंठ से सराहना की। ग्रामीणों का कहना था कि ऐसा अधिकारी उन्होंने पहले कभी नहीं देखा, जो न सिर्फ दफ्तर में काम करे, बल्कि खुद घर जाकर समाधान भी पहुंचाए।
इस अवसर पर तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित कई ग्रामीण मौजूद रहे। अधिकारी के इस मानवीय पहलू की हर ओर प्रशंसा हो रही है।