
सनसाईन कॉन्वेंट स्कूल प्रांगण में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, वैदिक मंत्रोच्चार से गूंजा वातावरण
(रिपोर्ट विरेंद्र प्रताप उपाध्याय)
चौबेपुर (वाराणसी)।शरणागत भक्त की रक्षा भगवान स्वयं करते हैं। जब मनुष्य पूरे भाव से ईश्वर के चरणों में आश्रय ले लेता है, तो परमात्मा उसकी सभी विपत्तियों से रक्षा करते हैं। यह संदेश श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर वेदाचार्य पंडित विष्णु कांत शास्त्री ने श्रद्धालुओं को देते हुए दिया। उन्होंने कहा कि देवी उत्तरा के गर्भ में जब ब्रह्मास्त्र का संधान हुआ, तो उन्होंने सांसारिक आश्रय छोड़कर गोविंद के चरणों में शरण ली। भगवान नारायण स्वयं गर्भ में प्रवेश कर राजा परीक्षित की रक्षा के लिए प्रकट हो गए।
शास्त्री जी ने कहा कि निर्मल मन और निष्कलंक भाव से जब कोई जीव परमात्मा का आश्रय लेता है, तो नारायण उसकी हर संकट से रक्षा करते हैं। उन्होंने मानव जीवन की विविध समस्याओं पर धर्म के आलोक में विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि धर्म ही जीवन का आधार है, और ईश्वर भक्ति जीवन का परम लक्ष्य है।
श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, भक्ति में लीन रहा पूरा परिसर
स्वर्गीय न्यायमूर्ति श्रीषनाथ तिवारी की पुण्यतिथि की स्मृति में आयोजित इस श्रीमद्भागवत कथा में प्रतिदिन क्षेत्रीय गांवों से भारी संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। कथा का आयोजन पूर्वांचल के प्रसिद्ध उद्योगपति चंद्रशेखर तिवारी ‘मून बाबू’ के सौजन्य से किया जा रहा है। कथा स्थल सनसाईन कॉन्वेंट स्कूल परिसर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
पूरे परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार, हवन-पूजन और भजन-कीर्तन के मधुर स्वर गूंजते रहे। भक्तिमय वातावरण में हर कोई कथा की अमृतवाणी में लीन नजर आया।
गणमान्यजनों की गरिमामयी उपस्थिति
कथा श्रवण करने वालों में पूर्व न्यायाधीश अजीत कुमार तिवारी, अरुण तिवारी, रवि तिवारी, अनुराग तिवारी, अपूर्व कुमार तिवारी, विनोद चतुर्वेदी, हवलदार सिंह, नथुनी यादव, शिवम चतुर्वेदी, संतोष कन्नौजिया, विनोद कन्नौजिया सहित क्षेत्र के कई प्रमुख लोग मौजूद रहे। आयोजन समिति के अनुसार कथा का समापन भव्य हवन-पूर्णाहुति के साथ किया जाएगा।