
रैली निकालकर सरकार से रोजगार व मजदूरी बढ़ाने की मांग
मिर्जामुराद (वाराणसी): अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम नागेपुर में गुरुवार को सैकड़ों की संख्या में बुनकर और दिहाड़ी मजदूर सड़कों पर उतरे। तख्ती और बैनर के साथ मजदूरों ने रैली निकालते हुए “रोटी, कपड़ा और मकान – मांग रहा मजदूर किसान”, “भीख नहीं अधिकार चाहिए”, जैसे नारों के माध्यम से सरकार से अपने अधिकारों की मांग की।
लोक समिति आश्रम परिसर में आयोजित जनसभा में वक्ताओं ने असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की बदहाली पर चिंता जताई। संयोजक नन्दलाल मास्टर ने कहा कि बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से गांवों में मजदूर परिवार त्रस्त हैं। निर्माण कार्य ठप होने से मजदूरों को दैनिक काम भी नहीं मिल पा रहा है।
सभा में गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता जागृति राही ने कहा कि गांवों से मजदूर रोजाना शहरों की मंडियों में काम की तलाश में जाते हैं, लेकिन अधिकांश को काम नहीं मिल पाता। उन्होंने मांग की कि गांव में ही स्थायी रोजगार की व्यवस्था की जाए।
दलित और मानवाधिकार कार्यकर्ता अनूप श्रमिक ने सरकार से न्यूनतम दैनिक मजदूरी ₹600 तय करने, वृद्ध मजदूरों को ₹3000 मासिक पेंशन देने, महिला मजदूरों को मातृत्व अवकाश व सभी दिहाड़ी मजदूरों का पंजीकरण सुनिश्चित करने की मांग की। उन्होंने बुनकरों के बिजली बिल और कर्ज माफ करने की भी वकालत की।
सभा के अंत में जम्मू-कश्मीर के पहलगांव में हुए आतंकी हमले में मृतकों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।
रैली का नेतृत्व लोक समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर ने किया, जबकि अध्यक्षता दिहाड़ी मजदूर संगठन के अध्यक्ष लालमन ने की। कार्यक्रम में शिवकुमार, आत्माराम, रजत, अनिल, रमेश पटेल, मनीषा, वंदना सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मजदूर उपस्थित रहे।