
एक राष्ट्र, एक चुनाव से स्वर्णिम भारत का होगा उदय : सम्पूर्णानंद पांडेय
वाराणसी। अंतरराष्ट्रीय हिंदू महासभा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष व जय भारत मंच के काशी प्रांत के वरिष्ठ महामंत्री सम्पूर्णानंद पांडेय ने कहा कि ‘एक देश, एक चुनाव’ का विचार वर्तमान समय में लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुदृढ़ और प्रभावी बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है। भारत जैसे विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में बार-बार होने वाले चुनावों से शासन व्यवस्था बाधित होती है और संसाधनों का भारी दुरुपयोग होता है।
पांडेय ने कहा कि वर्तमान में अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग समय पर चुनाव होते हैं, जिससे न केवल प्रशासनिक गतिविधियां प्रभावित होती हैं, बल्कि खर्च भी अत्यधिक बढ़ जाता है। चुनावों में धन और बाहुबल का प्रभाव बढ़ रहा है, जो लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है।
इस अवसर पर जय भारत मंच के प्रदेश प्रभारी नरेंद्र शर्मा ने कहा कि यदि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराए जाएं, तो इससे समय और खर्च की बचत होगी। साथ ही सरकारें विकास कार्यों पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित कर सकेंगी। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था आम जनमानस को भी चुनावी गतिविधियों से मुक्त कर आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित करेगी।
भाजपा महानगर पदाधिकारी व जय भारत मंच के काशी प्रांत मंत्री सुजीत गुप्ता ने कहा कि एक देश, एक चुनाव की अवधारणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘नए भारत’ के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
वहीं, अंतरराष्ट्रीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व जय भारत मंच के उपाध्यक्ष अमित तिवारी ने कहा कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ से शासन व्यवस्था को सुव्यवस्थित किया जा सकेगा। इससे मतदाताओं को सुविधाएं बेहतर मिलेंगी, नीति निर्माण में निरंतरता बनी रहेगी और लोकतांत्रिक प्रक्रिया और अधिक प्रभावशाली होगी।
नेताओं ने साझा रूप से कहा कि यह विचार भारत की प्रगति में मील का पत्थर साबित हो सकता है और विकास के एक नए युग की शुरुआत करेगा।