
एसडीएम पिंडरा के खिलाफ जांच के आदेश, पत्रकारों ने मंडलायुक्त और डीएम से की शिकायत
(रिपोर्ट विरेंद्र प्रताप उपाध्याय)
वाराणसी। पिंडरा की एसडीएम प्रतिभा मिश्रा द्वारा फरियादी से दुर्व्यवहार और पत्रकारों के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी करने का मामला गरमाता जा रहा है। शुक्रवार को हुई इस घटना को लेकर पत्रकारों में नाराजगी व्याप्त है। पत्रकार प्रेस क्लब के बैनर तले सैकड़ों पत्रकारों ने मंडलायुक्त एस. राजलिंगम और जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार से मुलाकात कर एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
पत्रकारों द्वारा सौंपे गए ज्ञापन पर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने एडीएम सप्लाई को जांच सौंपी है। डीएम सत्येंद्र कुमार ने पत्रकारों को भरोसा दिलाया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी। वहीं, मंडलायुक्त ने भी पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए निष्पक्ष जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
मामला पिंडरा तहसील का है, जहां सिंधोरा थाना क्षेत्र के खड़खड़ी गांव निवासी किशन पांडे अपनी शिकायत लेकर पहुंचे थे। उनका आरोप है कि हल्का लेखपाल नीरज सिंह और सिंधोरा थाने के दरोगा मिथिलेश प्रजापति व रौनक श्रीवास्तव ने विपक्षी के दबाव में आकर उनकी निजी जमीन को बंजर घोषित कर झूठी रिपोर्ट दी और निर्माण कार्य रुकवा दिया।
फरियादी की शिकायत सुनते ही एसडीएम प्रतिभा मिश्रा ने कथित रूप से नाराजगी जताते हुए न सिर्फ फरियादी से अभद्र व्यवहार किया, बल्कि थाने में बंद करवा देने और पिटवाने की धमकी तक दे डाली। इस दौरान मौजूद पत्रकारों से भी एसडीएम ने कथित तौर पर टिप्पणी की कि “नमक-मिर्च लगाकर खबर छाप देना।”
घटना की जानकारी सामने आने के बाद पत्रकार प्रेस क्लब ने इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए कड़ा विरोध जताया है। क्लब के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम पाठक के नेतृत्व में दर्जनों पत्रकारों ने मंडलायुक्त और जिलाधिकारी से मिलकर कार्रवाई की मांग की।
ज्ञापन सौंपने वालों में प्रदेश संयोजक मनीष दीक्षित, उपाध्यक्ष सोनू सिंह, संगठन मंत्री राघवेंद्र प्रताप सिंह, पूर्वांचल अध्यक्ष प्रवीण चौबे, मंडल अध्यक्ष आफताब आलम, जिलाध्यक्ष पवन पांडे, महासचिव डीपी तिवारी सहित सैकड़ों पत्रकार शामिल रहे।