कूटरचना व धोखाधड़ी मामले में अब तक 85 दिन से हैं जेल में बंद, समर्थकों में मायूसी
(रिपोर्ट अभिषेक उपाध्याय)
मछलीशहर (जौनपुर)। स्थानीय नगर पंचायत अध्यक्ष और बसपा नेता संजय जायसवाल को जमानत मिलने की उम्मीद एक बार फिर धूमिल हो गई है। मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से उनकी जमानत याचिका खारिज हो गई, जिससे समर्थकों में निराशा का माहौल है। इससे पूर्व उनकी याचिका जिला एवं सत्र न्यायालय द्वारा भी खारिज की जा चुकी थी।
गौरतलब है कि वर्ष 2024 में संजय जायसवाल पर दो अलग-अलग मामलों में कूट रचना और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगे थे। पहले मामले में उनके छोटे भाई अनुराग जायसवाल ने मुकदमा संख्या 298 के तहत आरोप लगाया था, जिसमें संजय जायसवाल को 105 दिन की न्यायिक हिरासत में रहना पड़ा था।
वर्तमान में संजय जायसवाल मुकदमा संख्या 310 में बंद हैं, जिसमें आरोप है कि उन्होंने मछलीशहर निवासी सूर्य प्रकाश मौर्य के चाचा की जमीन को फर्जी तरीके से अपनी पत्नी सरोज जायसवाल और अपने नाम बैनामा कराया था। सूर्य प्रकाश की शिकायत पर दिनांक 19 सितंबर 2024 को मछलीशहर थाने में 13 नामजद और 2 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
इस मामले में भी कूट रचना, धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में संजय जायसवाल पर गंभीर आरोप लगे हैं। वे 18 फरवरी 2025 से जेल में बंद हैं और अब तक 85 दिन हो चुके हैं।
जमानत पर सुनवाई के दौरान संजय जायसवाल के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि मामला सिविल प्रकृति का है और इसमें आपराधिक अपराध नहीं बनता। जबकि अभियोजन पक्ष ने कोर्ट को बताया कि अभियुक्त के विरुद्ध पहले से कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, और यदि उन्हें जमानत दी गई तो मामले की विवेचना प्रभावित हो सकती है।
सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद माननीय न्यायाधीश ने जमानत याचिका अस्वीकार कर दी।
हाईकोर्ट से फैसले के पहले एक समय ऐसा भी लग रहा था कि संजय जायसवाल को राहत मिल सकती है, जिससे समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। लेकिन जब खबर आई कि जमानत खारिज हो गई है, तो माहौल बदल गया और उनके समर्थकों में गहरी मायूसी छा गई। फिलहाल, मामले की विवेचना जारी है और संजय जायसवाल को जेल में ही रहना होगा।